Parenting Tips: बचपन की उम्र वो दौर होती है जब सीखने की क्षमता सबसे तेज़ होती है। इस समय अगर बच्चों को सही दिशा में आसान और मज़ेदार तरीकों से सिखाया जाए, तो उनमें धैर्य, जिम्मेदारी,आत्मनिर्भरता और रचनात्मक सोच जैसे गुण आसानी से विकसित किए जा सकते हैं। आइए जानते हैं कुछ आसान घरेलू एक्टिविटीज़, जिनसे बच्चे खेल-खेल में बहुत कुछ सीख सकते हैं।
बागवानी: पौधे लगाना और उनकी देखभाल
बच्चों को एक छोटा गमला देकर खुद से पौधा लगाने को कहें। उन्हें रोज़ उसमें पानी देना और उसकी देखभाल करना सिखाएं। इससे बच्चे प्रकृति के करीब आते हैं, उनमें धैर्य और ज़िम्मेदारी जैसे गुण आते हैं। वे देख सकते हैं कि कैसे एक छोटा बीज धीरे-धीरे बड़ा पौधा बनता है, जो उनके लिए खुशी और गर्व की बात होती है।
कहानी सुनना और बनाना कल्पनाशक्ति को उड़ान दें
बच्चों को कहानियां सुनाना और फिर उनसे अपनी खुद की कहानी बनाने को कहना एक शानदार तरीका है भाषा और सोचने की क्षमता बढ़ाने का। उन्हें रंगीन पेंसिल और कागज दें ताकि वे अपनी कहानी को खुद लिखें और उसमें चित्र बनाएं। ये एक्टिविटी उनकी क्रिएटिविटी और आत्म-विश्वास को बढ़ाती है।
किचन में मदद: खाना बनाना एक मज़ेदार सीख
बच्चों को बिना आग वाले आसान व्यंजन जैसे सैंडविच, सलाद या नींबू पानी बनाना सिखाएं। इससे वे आत्मनिर्भर बनते हैं और खाने की बुनियादी चीज़ें सीखते हैं। साथ ही उन्हें समझ आता है कि खाना बनाना भी एक कला है और उसकी कद्र कैसे करनी चाहिए।
घर की सफाई: खेल-खेल में सिखाएं अनुशासन
बच्चों को अपनी चीजें खुद संभालने की आदत डालें। एक मज़ेदार चैलेंज बनाएं – “देखते हैं कौन सबसे जल्दी अपना कमरा साफ करता है?” इससे बच्चे अनुशासन और जिम्मेदारी समझते हैं और उन्हें खुद के काम करने में खुशी मिलती है।
पैसों की अहमियत: नकली दुकान वाला खेल
बच्चों को नकली पैसे और सामान देकर एक दुकान खेलने को कहें। इससे वे पैसों की कीमत, जोड़-घटाव और बचत के बारे में समझ पाते हैं। साथ ही उनका गणित भी मज़बूत होता है।
योग और डांस: तंदुरुस्ती के साथ मस्ती
हर दिन 10-15 मिनट का योग या फन डांस सेशन रखें। इससे बच्चे एक्टिव रहते हैं और उनका शारीरिक और मानसिक विकास बेहतर होता है। साथ ही यह एक बढ़िया फैमिली बॉन्डिंग टाइम भी बन जाता है।