Lok Sabha Speaker: लोकसभा चुनाव के बाद केंद्र में एक बार फिर मोदी सरकार बन गई है, और अब लोकसभा स्पीकर के लिए चुनाव होना है। इसको लेकर राजनीति शुरू हो गई है। सूत्रों के अनुसार, विपक्षी पार्टी स्पीकर चुनाव के लिए अपना उम्मीदवार उतार सकती है। हालांकि, अगर डिप्टी स्पीकर (Lok Sabha Speaker) का पद विपक्ष को दिया जाता है तो वे स्पीकर के लिए अपना उम्मीदवार नहीं उतारेंगे।
किसे मिलेगा लोकसभा स्पीकर का पद?
एनडीए की नई सरकार बनने के बाद से ही यह अटकलें लगाई जा रही थीं कि जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) लोकसभा में स्पीकर का पद मांग सकती है। लेकिन 14 जून को जेडीयू ने स्पष्ट किया कि तेलुगु देशम पार्टी (टीडीपी) और जेडीयू एनडीए के साथ मजबूती से खड़े हैं और बीजेपी जिसे भी स्पीकर पद के लिए नामित करेगी, दोनों पार्टियां उसका समर्थन करेंगी।
पिछले दो बार से भाजपा का था दबदबा
पिछले दो लोकसभा चुनावों में बीजेपी ने अपने दम पर बहुमत हासिल किया था, जिससे लोकसभा में स्पीकर पद पर उसका दबदबा था। 18वीं लोकसभा में अध्यक्ष की भूमिका महत्वपूर्ण होगी, क्योंकि विपक्षी इंडिया गठबंधन 234 सदस्यों के साथ सशक्त होकर सदन में नजर आएगा।
विपक्षी पार्टी पहले ही कह चुकी है कि इस बार सदन में बीजेपी की मनमानी नहीं चलेगी। 17वीं लोकसभा का कार्यकाल 17 जून 2019 से 5 जून 2024 तक था। इस दौरान संसद में कई प्रदर्शन हुए और कई बार सांसदों को निलंबित भी किया गया। दिसंबर 2023 में शीतकालीन सत्र के दौरान 146 सांसदों को निलंबित कर दिया गया था।
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लोकसभा चुनाव के नतीजों के बाद 8 जून को कांग्रेस वर्किंग कमेटी की बैठक बुलाई गई थी, जिसमें पार्टी की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी ने कहा था कि अब संसद को उसी तरह से दबाया नहीं जा सकता, जैसा कि पिछले 10 सालों से किया जा रहा था।