यूपी में वक्फ कानून पर भाजपा का मास्टरस्ट्रोक, अल्पसंख्यकों को ‘ढाल’ बनाकर 19 अप्रैल से शुरू करेगी जागरुकता अभियान

भाजपा 19 अप्रैल से वक्फ सुधार जनजागरण अभियान की शुरुआत करेगी, जिसका मकसद नए वक्फ कानून के फायदों को लोगों तक पहुंचाना है। पार्टी खास तौर पर पसमांदा मुस्लिम समुदाय को यह समझाने पर जोर देगी कि यह कानून उनके हित में है। इस अभियान के संचालन के लिए चार सदस्यों वाली एक समिति भी बनाई गई है।

Waqf Amendment Bill 2025

Waqf Amendment Bill 2025 : उत्तर प्रदेश में भाजपा अब वक्फ कानून को लेकर अपनी रणनीति को और धार देने जा रही है। पार्टी अल्पसंख्यक समुदाय, खासकर पसमांदा मुसलमानों को केंद्र में रखकर 19 अप्रैल से ‘वक्फ सुधार जनजागरण अभियान’ की शुरुआत करेगी। इस अभियान का मुख्य उद्देश्य यह बताना है कि नया वक्फ कानून कैसे समाज के गरीब तबके, विशेषकर वंचित मुसलमानों के लिए लाभकारी है।

चार सदस्यीय समिति को सौंपी गई जिम्मेदारी

जहां एक ओर कुछ मुस्लिम संगठन और विपक्षी दल वक्फ कानून को मुसलमानों के अधिकारों के खिलाफ बताकर विरोध कर रहे हैं, वहीं भाजपा इसे अल्पसंख्यकों के सशक्तिकरण का जरिया बता रही है। अभियान को दिशा देने के लिए चार सदस्यों की एक समिति बनाई गई है, जिसमें शामिल हैं –

19 अप्रैल को लखनऊ में होगा शुभारंभ

इस अभियान का औपचारिक शुभारंभ 19 अप्रैल को लखनऊ स्थित इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में एक प्रदेश स्तरीय कार्यशाला से किया जाएगा। इस कार्यशाला का उद्घाटन मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ करेंगे। कार्यक्रम में भाजपा के राष्ट्रीय संयोजक राधा मोहन दास अग्रवाल, प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी, संगठन महामंत्री धर्मपाल सिंह, और अल्पसंख्यक मोर्चा के प्रमुख नेता मौजूद रहेंगे। इसके बाद यह अभियान जिला स्तर पर भी कार्यशालाओं और जनसंपर्क के माध्यम से आगे बढ़ेगा।

जनजागरण अभियान क्या होगा ?

अभियान के लिए विशेष रूप से वक्फ कानून से जुड़े पर्चे तैयार करवाए गए हैं। साथ ही एक डिजिटल कॉपी भी कार्यकर्ताओं को दी जाएगी, जिसे मोबाइल के जरिए आम जनता तक पहुंचाया जाएगा। भाजपा कार्यकर्ता लोगों को यह समझाएंगे कि वक्फ की संपत्तियों पर अब तक महज 5 प्रतिशत प्रभावशाली वर्ग का कब्जा रहा है, लेकिन नए कानून से इन संपत्तियों का लाभ सभी धर्मों के गरीबों को मिलेगा। जैसे – स्कूल, अस्पताल और आवासीय योजनाएं इसी जमीन पर बन सकेंगी। पसमांदा मुस्लिम समुदाय को इससे सबसे अधिक लाभ होगा।

विरोध को कम करने की रणनीति

वक्फ कानून के लागू होने के बाद से ही विपक्ष और कुछ मुस्लिम संगठन इसे लेकर विरोध दर्ज कर रहे हैं, जैसा कि पहले CAA और NRC के मामलों में हुआ था। भाजपा इस बार रणनीति बदलते हुए सीधे जनता के बीच जाकर संवाद करने की तैयारी में है। पार्टी का मानना है कि अगर जनता को नए कानून के फायदे सही तरीके से समझाए जाएं, तो विरोध की तीव्रता को कम किया जा सकता है।

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इस अभियान के ज़रिए भाजपा एक तरफ जहां विपक्ष के आरोपों का जवाब देगी, वहीं दूसरी ओर अल्पसंख्यकों के बीच अपनी पकड़ भी मजबूत करेगी। अल्पसंख्यक मोर्चे को इस अभियान में बड़ी भूमिका दी गई है ताकि वंचित मुसलमानों के साथ सीधा संवाद स्थापित किया जा सके और उन्हें अलगाव की राजनीति से दूर लाया जा सके।

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