Forensic Science Summit:लखनऊ में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इंटरनेशनल फॉरेंसिक साइंस समिट का शुभारंभ किया। यह तीन दिवसीय सम्मेलन उत्तर प्रदेश इंस्टीट्यूट ऑफ फॉरेंसिक साइंसेज द्वारा आयोजित किया गया। इस दौरान सीएम ने कहा कि फॉरेंसिक साइंस और तकनीक की मदद से अपराधों पर तेजी से काबू पाया जा रहा है और यूपी पुलिस को आधुनिक संसाधनों से लगातार मजबूत किया जा रहा है।
नई तकनीक की सौगात
मुख्यमंत्री योगी ने इस मौके पर कई नई सुविधाओं की शुरुआत की। इनमें एडवांस्ड डीएनए डायग्नोस्टिक सेंटर, एआई लैब, ड्रोन और रोबोटिक्स प्रयोगशाला और अटल पुस्तकालय शामिल हैं। उन्होंने कहा कि इन कदमों से प्रदेश को तकनीक के क्षेत्र में नई दिशा मिलेगी और अपराधों से निपटने की क्षमता और बढ़ेगी।
वैदिक परंपरा से जोड़ा समिट
सीएम योगी ने सम्मेलन को भारतीय परंपरा से जोड़ते हुए कहा कि जब भी मंथन हुआ है, समाज को “अमृत” ही प्राप्त हुआ है। इस तीन दिवसीय अंतरराष्ट्रीय समिट को उन्होंने वैदिक काल की ज्ञान परंपरा का प्रतीक बताया, जो विचारों के आदान-प्रदान और समाज की एकता को दर्शाता है।
अपराध नियंत्रण में तेजी
योगी आदित्यनाथ ने बताया कि 2017 से पहले अपराधियों को पकड़ने में सालों लग जाते थे, लेकिन अब फॉरेंसिक तकनीक की मदद से 24 से 48 घंटे के भीतर गिरफ्तारी हो जाती है। उन्होंने इसे यूपी पुलिस की बड़ी सफलता बताते हुए कहा कि अपराधियों पर कार्रवाई अब और ज्यादा प्रभावी हो गई है।
साइबर सुरक्षा के कदम
प्रदेश के सभी 75 जिलों में साइबर थाने स्थापित किए गए हैं। इसके अलावा 1587 थानों में साइबर हेल्प डेस्क शुरू की गई है। यहां मास्टर ट्रेनर तैनात कर मामलों का त्वरित निस्तारण किया जा रहा है। यह पहल बढ़ते साइबर अपराधों और डिजिटल सुरक्षा की चुनौतियों से निपटने के लिए अहम मानी जा रही है।
नई घोषणाएं और योजनाएं
मुख्यमंत्री ने 75 मोबाइल फॉरेंसिक वैन को हरी झंडी दिखाई और छात्रों को स्मार्ट टैबलेट बांटे। उन्होंने बताया कि जुलाई 2024 से सभी गंभीर अपराधों में फॉरेंसिक साक्ष्य अनिवार्य कर दिए गए हैं। यह कदम न्याय प्रणाली और कानून व्यवस्था को और सशक्त बना रहा है।
इसके साथ ही उन्होंने घोषणा की कि जल्द ही प्रदेश को एक साइबर मुख्यालय मिलेगा। यह यूपी पुलिस को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर डिजिटल अपराधों से निपटने की क्षमता देगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि तकनीक से लैस होकर यूपी पुलिस न सिर्फ अपराधों पर काबू पाएगी, बल्कि आने वाली पीढ़ियों के लिए एक सुरक्षित और स्मार्ट समाज का निर्माण भी करेगी।