Lucknow News: उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में मड़ियांव पुलिस और क्राइम ब्रांच को बड़ी सफलता हाथ लगी है। पुलिस ने नवजात बच्चों की तस्करी करने वाले एक बड़े गैंग का भंडाफोड़ किया है। इस गिरोह में तीन महिलाओं समेत छह लोगों को गिरफ्तार किया गया है। पुलिस ने आरोपियों के पास से एक नवजात बच्ची को भी बरामद किया है जिसे दो लाख रुपये में बेचा जा रहा था।
5 लाख में लड़का.. 3 लाख में लड़की बेचते थे आरोपी
पुलिस जांच में खुलासा हुआ है कि यह गिरोह नवजात लड़कों को 5 लाख रुपये में और लड़कियों को 3 लाख रुपये में बेचता था। गैंग का नेटवर्क दिल्ली समेत कई जिलों में फैला हुआ था। लखनऊ के मड़ियांव क्षेत्र (Lucknow News) में एक नर्सिंग होम से यह अवैध कारोबार संचालित किया जा रहा था। इस मामले में तीन महिलाओं को भी गिरफ्तार किया गया है जो विभिन्न क्लीनिक और अस्पतालों में मरीजों की देखभाल करने के नाम पर यह अवैध धंधा चला रही थीं। पुलिस के मुताबिक गिरोह के सदस्यों से पूछताछ जारी है और यह पता लगाया जा रहा है कि अब तक कितने बच्चों को बेचा जा चुका है।
कैसे करते थे नवजात की तस्करी?
मामले की जांच कर रहे एसीपी अलीगंज बृज नारायण सिंह ने बताया कि गिरोह का सरगना विनोद सिंह है जो पहले अजंता आईवीएफ सेंटर में मैनपावर सप्लाई का काम करता था। इसके अलावा वह मड़ियांव स्थित सुपर अलायंस नर्सिंग होम में बैठता था। विनोद सिंह एक टेक्नीशियन है और डायलिसिस का काम भी करता था। गिरोह में शामिल अन्य महिलाओं में कुसुम देवी, संतोष कुमारी और कुछ अन्य आरोपी शामिल हैं जो लखनऊ के अलग-अलग अस्पतालों में काम करते थे। गिरोह के सदस्यों ने अस्पतालों में अनचाहे नवजात बच्चों को तस्करी के लिए इस्तेमाल किया।
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ढाई महीने की बच्ची को बेचा जा रहा था
पुलिस को नवजात (Lucknow News) बच्ची बरामद होने के बाद पूछताछ में पता चला कि सीतापुर की एक युवती ने इस बच्ची को जन्म दिया था लेकिन सामाजिक लोक-लाज के डर से उसने बच्ची को अपनाने से इनकार कर दिया। इस मौके का फायदा उठाकर गिरोह ने बच्ची को अपने कब्जे में ले लिया और उसे विकासनगर के एक दंपति को दो लाख रुपये में बेचने की तैयारी कर रहे थे।
गिरोह के खिलाफ बड़ी कार्रवाई शुरू
मड़ियांव थाने (Lucknow News) के दरोगा भूपेंद्र सिंह ने संतोष कुमारी और अन्य अज्ञात लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई है। पुलिस गिरोह के अन्य सदस्यों और उनके आपराधिक इतिहास की भी जांच कर रही है। फिलहाल नवजात बच्ची को पुलिस ने अपने संरक्षण में ले लिया है और मामले की गहराई से जांच की जा रही है। यह बड़ा खुलासा राज्य में बच्चों की तस्करी से जुड़े अपराधों पर कड़ी कार्रवाई की जरूरत को उजागर करता है।