रेलवे टावर का टेंडर जारी, कवच से सुरक्षित होगा बाराबंकी-छपरा रेलमार्ग, मेमू-डेमू ट्रेनों में बढ़ेंगे कोच

उत्तर प्रदेश में रेलवे सुरक्षा और सुविधा बढ़ाने की दिशा में बड़ा कदम उठाया गया है। बाराबंकी से छपरा तक कवच तकनीक लगेगी और मेमू-डेमू ट्रेनों में कोच बढ़ाकर 12-12 करने की तैयारी शुरू हो चुकी है।

Lucknow

Lucknow railway news: उत्तर प्रदेश में रेल यात्रियों की सुरक्षा को लेकर बड़ा कदम उठाया गया है। पूर्वोत्तर रेलवे द्वारा स्वदेशी तकनीक ‘कवच’ को बाराबंकी से गोरखपुर होते हुए छपरा तक लागू करने की तैयारी शुरू हो गई है। इसके लिए रेलवे ने टावर लगाने का टेंडर जारी कर दिया है। 438 किलोमीटर लंबे इस रूट पर कवच तकनीक अगस्त या सितंबर से लगनी शुरू हो सकती है। यह योजना दो साल में पूरी करने का लक्ष्य है। साथ ही, डेली पैसेंजर की सुविधा के लिए मेमू और डेमू ट्रेनों में कोच की संख्या बढ़ाकर 12 करने का निर्णय भी रेलवे ने लिया है। इन बदलावों से न सिर्फ सुरक्षा, बल्कि सुविधाओं में भी बड़ा सुधार होगा।

कवच से टक्कर की घटनाओं पर लगेगा ब्रेक

Lucknow रेलवे की स्वदेशी सुरक्षा प्रणाली ‘कवच’ विशेष रूप से ट्रेन टक्कर की घटनाओं को रोकने के लिए तैयार की गई है। इसमें जीपीएस, रेडियो फ्रीक्वेंसी और स्वचालित ब्रेकिंग सिस्टम का उपयोग होता है। यदि दो ट्रेनें एक ही ट्रैक पर आमने-सामने या पीछे-आगे आ जाती हैं, तो कवच उन्हें पांच किलोमीटर के दायरे में पहचान लेता है और दोनों ट्रेनों में ऑटोमेटिक ब्रेक लग जाता है। साथ ही, आसपास की अन्य ट्रेनों का संचालन भी अपने आप बंद हो जाता है। यह तकनीक लोको पायलट की गलती को भी ट्रैक कर लेती है और ऑडियो-वीडियो अलर्ट देती है।

कवच प्रणाली ब्रेक, हॉर्न, थ्रोटल और रेड सिग्नल पार करने जैसी स्थितियों की निगरानी करती है। यदि कोई ट्रेन रेड सिग्नल पार करती है तो उसमें अपने आप ब्रेक लग जाता है। इससे दुर्घटनाओं पर प्रभावी नियंत्रण की उम्मीद है।

मेमू-डेमू ट्रेनों में अब अधिक कोच, अधिक सुविधा

डेली यात्रियों की सुविधा बढ़ाने के लिए रेलवे ने मेनलाइन इलेक्ट्रिक मल्टीपल यूनिट (मेमू) और डीजल इलेक्ट्रिक मल्टीपल यूनिट (डेमू) ट्रेनों के कोच बढ़ाने का फैसला लिया है। पहले इन ट्रेनों में 8 कोच होते थे, जिन्हें अब 12 कोच का किया जा रहा है। इससे त्योहारों और गर्मियों की छुट्टियों में बढ़ने वाली भीड़ को संभालने में मदद मिलेगी।

पूर्वोत्तर रेलवे Lucknow में फिलहाल 30 मेमू-डेमू ट्रेनें संचालित होती हैं। इन ट्रेनों में सीटिंग कैपेसिटी 73 होती है, लेकिन खड़े होकर 60-70 यात्री और यात्रा कर सकते हैं। डेमू ट्रेनें डीजल से चलती हैं और इनमें हर तीन कोच के बाद एक पावर कार होता है। वहीं, मेमू ट्रेनों में हर चार कोच के बाद पावर कार होता है और ये 200 किलोमीटर तक की यात्रा करती हैं।

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