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मेट्रो बम धमकी नहीं कोई बाहरी साजिश, बल्कि बच्चों की शरारत, जानिए क्या हो रहा ऑनलाइन गेमिंग का असर ?

साइबर एक्सपर्ट्स के मुताबिक, चीनी कंपनियों ने भारतीय पुलिस को धोखा देने के लिए एक गेम तैयार किया है।

Gulshan by Gulshan
December 14, 2024
in Latest News, उत्तर प्रदेश, लखनऊ
Lucknow Bomb Threat
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Lucknow Bomb Threat : 8 दिसंबर को पुलिस कंट्रोल रूम को सूचना मिली कि राजधानी के तीन मेट्रो स्टेशनों पर बम रखा गया है। इसके बाद लखनऊ पुलिस तुरंत सक्रिय हुई और स्नीफर डॉग्स के साथ सघन तलाशी ली गई। कुछ भी संदिग्ध न मिलने पर पुलिस ने कॉल करने वाले का पता लगाया, जो नाबालिग निकला। पता चला कि उसने गेम के टास्क को पूरा करने के लिए यह झूठी धमकी दी थी।

इसी प्रकार मई में भी दिल्ली, लखनऊ और अन्य राज्यों के प्रमुख स्कूलों को बम से उड़ाने की धमकी एक नाबालिग ने दी थी, ताकि वह गेम का टास्क पूरा कर सके। अब ये गेम्स और उनके टास्क न सिर्फ पुलिस के लिए परेशानी बन रहे हैं, बल्कि उन नाबालिगों के लिए भी समस्या खड़ी कर रहे हैं, जो ऐसी हरकतें कर रहे हैं।

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गेम टास्क को पूरा करने के लिए बच्चे दे रहे धमकी

लखनऊ की पुलिस अधिकारी मनीषा सिंह का कहना है कि जब भी हमें बम रखने या ब्लास्ट की धमकी की सूचना मिलती है, तो हमारी टीम, जिसमें डॉग्स स्क्वाड, बम स्क्वाड और एटीएस शामिल हैं, पूरी ताकत से तलाशी अभियान शुरू करती है। इसी दौरान हमारी सर्विलांस टीम कॉलर या धमकी देने वाले व्यक्ति का पता लगाने की कोशिश करती है। जब तलाशी में कुछ भी संदिग्ध नहीं मिलता, तो हम कॉलर का पता लगाकर उसे सूचना देने का कारण समझने की कोशिश करते हैं।

आश्चर्य की बात यह है कि हाल ही में ऐसी धमकियां देने वाले ज्यादातर लोग बच्चे रहे हैं, जिन्होंने यह सब केवल किसी ऑनलाइन गेम के टास्क को पूरा करने के लिए किया। इस स्थिति में बच्चों और उनके परिवारों को चेतावनी देकर उन्हें छोड़ने के अलावा और कुछ नहीं किया जा सकता।

बच्चों को ऑनलाइन गेम से रखना होगा दूर

बलरामपुर अस्पताल के बच्चों से जुड़े मनोचिकित्सक डॉ. अभय सिंह का कहना है कि बच्चे आमतौर पर मजे करने के लिए प्रैंक कॉल्स करते रहे हैं, लेकिन पुलिस को कॉल करने की हिम्मत बच्चे ही नहीं, बड़े भी नहीं कर सकते। हालांकि, यह चौंकाने वाली बात है कि यही बच्चे 10 मंजिला बिल्डिंग से कूदने से भी नहीं डरते हैं। इसका कारण उनकी समर्पण भावना है। जब बच्चे लगातार मोबाइल पर खेलते रहते हैं और उसे ही अपनी दुनिया मानने लगते हैं, तो वे किसी भी जोखिम से डरते नहीं हैं।
यह भी पढ़ें : अतुल सुभाष आत्महत्या मामले में निकिता सिंघानिया ने उठाई बड़ी मांग, हाईकोर्ट में दाखिल की याचिका
डॉ. अभय बताते हैं कि हर रोज ऐसे बच्चे काउंसलिंग के लिए आते हैं, जो सोते समय भी गेम्स के बारे में बात करते हैं। इस स्थिति में वे बच्चों से ज्यादा माता-पिता को दोषी मानते हैं। बच्चों को यह समझाना जरूरी है कि उन्हें कौन सा गेम खेलना चाहिए और कौन सा नहीं। यदि ऐसा नहीं किया गया, तो माता-पिता को भी यह समझ में नहीं आएगा कि उनके बच्चे कब अपराधी बन जाएंगे।
Tags: Lucknow Bomb Threat
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