Primary teacher transfer Law: उत्तर प्रदेश में शिक्षकों के समायोजन को लेकर बनी असमंजस की स्थिति अब साफ हो गई है। उच्च न्यायालय ने हाल ही में Basic Education Department की नीतियों को असंगत ठहराते हुए कुछ निर्णय दिए थे, जिससे प्राथमिक शिक्षकों के स्थानांतरण और समायोजन की प्रक्रिया पर रोक की आशंका बढ़ गई थी। हालांकि, बेसिक शिक्षा विभाग ने स्थिति स्पष्ट करते हुए कहा है कि जनपद के भीतर शिक्षकों का समायोजन और स्थानांतरण कार्य जारी रहेगा। इसके लिए विभाग ने एक आधिकारिक पत्र भी जारी किया है।
बेसिक शिक्षा विभाग के सचिव सुरेंद्र कुमार तिवारी ने अपने आदेश में कहा है कि सत्र 2024-25 के लिए शिक्षकों के जनपदीय समायोजन की प्रक्रिया पहले की तरह ही होगी। ऑनलाइन आवेदन के माध्यम से स्थानांतरण की सुविधा दी गई है। हालांकि, राज्य में शिक्षकों की संख्या और छात्रों के अनुपात को लेकर सवाल बने हुए हैं।
कोर्ट के आदेश के बाद संशय
उच्च न्यायालय ने Basic Education Department की समायोजन नीति को अव्यवस्थित करार दिया था। इस आदेश के चलते शिक्षकों के स्थानांतरण और समायोजन पर रुकावट की आशंका थी। न्यायालय ने विभाग को अपनी खामियों को सुधारने की सलाह दी है।
समायोजन के मानक और वर्तमान स्थिति
शिक्षकों के समायोजन के लिए तय मानकों के अनुसार:
- 30 छात्रों पर एक शिक्षक
- 45 छात्रों पर दो शिक्षक
- 60 छात्रों पर तीन शिक्षक
हालांकि, वर्तमान स्थिति में 85% स्कूल इन मानकों से दूर हैं।
इन क्षेत्रों में होगा समायोजन
ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों के विभिन्न विद्यालयों में शिक्षकों के समायोजन का काम किया जाएगा।
ग्रामीण क्षेत्रों में:
- बक्शी का तालाब: 18 विद्यालय (4 कंपोजिट, 14 प्राथमिक)
- माल: 24 विद्यालय (5 कंपोजिट, 19 प्राथमिक)
- सरोजनीनगर: 18 विद्यालय (2 कंपोजिट, 16 प्राथमिक)
शहरी क्षेत्र:
- नगर क्षेत्र जोन 2: 2 विद्यालय
- नगर क्षेत्र जोन 4: 3 विद्यालय
बेसिक शिक्षा विभाग का यह कदम शिक्षकों की कमी को दूर करने की दिशा में महत्वपूर्ण माना जा रहा है। विभाग ने स्पष्ट किया है कि समायोजन प्रक्रिया की पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए तकनीकी उपाय अपनाए जाएंगे।