Train derailing attempt in Lucknow,राजधानी लखनऊ में एक बार फिर ट्रेन को पटरी से उतारने की कोशिश की गई है। बीते एक हफ्ते में यह दूसरी घटना है। इस बार बक्कास और उतरेठिया स्टेशन के बीच रेल की पटरी पर किसी ने जानबूझकर लोहे का भारी दरवाज़ा रख दिया। यही नहीं, पटरियों को जोड़कर मजबूत करने वाली पन्ड्रोल क्लिप भी गायब थीं।
पटरी पर रखा था लोहे का दरवाज़ा
मंगलवार को स्टेशन इंचार्ज अनिल कुमार पांडेय को मोबाइल पर सूचना मिली कि रेलवे ट्रैक पर कोई रुकावट है। उन्होंने तुरंत गैंगमैन दुर्गेश को मौके पर भेजा। जब दुर्गेश वहां पहुंचा, तो देखा कि डाउन लाइन (किमी 1039/12-14) के पास पटरी पर एक लोहे का दरवाज़ा रखा है और कई पन्ड्रोल क्लिप नहीं हैं।अगर वक्त रहते ये गड़बड़ी पकड़ में न आती, तो कोई बड़ा रेल हादसा हो सकता था। गनीमत रही कि समय पर जानकारी मिल गई और कार्रवाई शुरू कर दी गई।
मामला दर्द जांच शुरू
स्टेशन इंचार्ज ने इस पूरे मामले की जानकारी सुशांत गोल्फ सिटी थाने को दी। थाने के इंस्पेक्टर अंजनी मिश्र ने बताया कि मामला दर्ज कर लिया गया है और जांच शुरू कर दी गई है। इससे पहले भी राजधानी में ऐसी कोशिश हो चुकी है। रहीमाबाद के कैथुलिया गांव के पास भी कुछ दिनों पहले पटरी पर रुकावट रखी गई थी। वहीं दिलावरनगर के पास शरारती तत्वों ने पटरी पर लकड़ी का बड़ा तना रख दिया था। उस वक्त भी ड्राइवर की सतर्कता से एक बड़ा हादसा टल गया था।
बढ़ती ही जा रही है ऐसी घटनाएं
लगातार हो रही इन घटनाओं से यह साफ हो गया है कि कुछ लोग जानबूझकर रेल यात्रियों की जान को खतरे में डालने की कोशिश कर रहे हैं। ऐसे मामलों को हल्के में नहीं लिया जा सकता। रेलवे प्रशासन और पुलिस को मिलकर इन साजिशों के पीछे छिपे चेहरों को ढूंढ निकालना होगा। इस तरह की घटनाएं न सिर्फ यात्रियों की जान के लिए खतरा हैं, बल्कि रेलवे की सुरक्षा व्यवस्था पर भी सवाल खड़े करती हैं। जरूरी है कि ट्रैकों की निगरानी और सुरक्षा और मजबूत की जाए।