Lucknow में जमीन, मकान, दुकान खरीदना होगा और महंगा, 10 साल बाद बदला डीएम सर्किल रेट

लखनऊ में जमीन, मकान और दुकान खरीदना अब महंगा होने वाला है। 10 साल बाद नया डीएम सर्किल रेट जारी किया गया है, जिसमें विभिन्न संपत्तियों पर 15 से 40 फीसदी तक बढ़ोतरी प्रस्तावित की गई है।

Lucknow LDA

Lucknow land rate: लखनऊवासियों के लिए बड़ी खबर है। अब राजधानी में जमीन, मकान और दुकान खरीदना और महंगा हो जाएगा। लगभग 10 वर्षों बाद प्रशासन ने नया डीएम सर्किल रेट जारी कर दिया है। 1 अगस्त से इसे लागू किया जाएगा। नए सर्किल रेट में कृषि भूमि पर 15 फीसदी, व्यावसायिक भूखंडों पर 25 फीसदी और बहुमंजिला भवनों पर 20 फीसदी तक बढ़ोतरी की गई है। वहीं, दुकानों, कार्यालयों और गोदामों के रेट में औसतन 20 फीसदी इजाफा किया गया है। खास बात यह है कि जहां पहले रेट कम थे, वहां इस बार 40 फीसदी तक की वृद्धि की गई है। प्रस्तावित रेटों पर जनता 17 जुलाई तक आपत्ति दर्ज करा सकती है।
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बढ़ेगी जमीन और संपत्ति की कीमतें

Lucknow में 2015 के बाद अब प्रशासन ने 10 साल बाद नया डीएम सर्किल रेट लागू करने की तैयारी कर ली है। इस बार रेट में व्यापक बदलाव किए गए हैं। कृषि भूमि पर 15 फीसदी, व्यावसायिक भूखंडों पर 25 फीसदी और बहुमंजिला भवनों पर 20 फीसदी तक बढ़ोतरी की गई है। इसके अलावा दुकानों, कार्यालयों और गोदामों की कीमतों में औसतन 20 फीसदी वृद्धि की गई है।

कम दरों वाले क्षेत्रों में बड़ा सुधार

पिछली बार 2015 में कुछ इलाकों में दुकानों, कार्यालयों और गोदामों के सर्किल रेट काफी कम थे, जिसे इस बार विसंगति मानते हुए ठीक किया गया है। ऐसे इलाकों में इस बार 40 फीसदी तक रेट बढ़ा दिए गए हैं। इससे अब शहर के अलग-अलग क्षेत्रों में संपत्तियों के रेट में समानता आ जाएगी।

गैर कृषि भूमि के रेट में विशेष नियम

अगर किसी गैर कृषि भूमि के चारों ओर व्यावसायिक गतिविधियां मौजूद हैं तो ऐसे भूखंडों पर 20 फीसदी अतिरिक्त रेट जोड़ा जाएगा। वहीं, अगर कोई व्यक्ति ऐसी भूमि बेचेगा तो उसका मूल्यांकन 50 फीसदी बढ़े हुए दर से किया जाएगा। कृषि भूमि में फलदार और बिना फलदार वृक्षों की दर में कोई बदलाव नहीं किया गया है।

आपत्ति दर्ज कराने का मौका

Lucknow प्रशासन ने दो से 17 जुलाई तक सुझाव और आपत्ति दर्ज कराने का मौका दिया है। लोग अपने सुझाव सभी उप निबंधक कार्यालयों, सहायक महानिरीक्षक निबंधन कार्यालयों में सुबह 10 बजे से शाम 5 बजे तक दर्ज करा सकते हैं। इसके अलावा ई-मेल के जरिये भी आपत्ति दी जा सकती है। 27 जुलाई तक सभी आपत्तियों का निस्तारण कर दिया जाएगा। जिलाधिकारी विशाख जी ने बताया कि बीते दशक में लखनऊ में तेजी से विकास हुआ है, इसलिए यह संशोधन जरूरी था।

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