UP News: उत्तर प्रदेश सरकार ने सरकारी सेवा में रहते हुए गुपचुप तरीके से निजी प्रैक्टिस करने वाले डॉक्टरों के खिलाफ सख्त कार्रवाई शुरू कर दी है। बलरामपुर, हाथरस और कुशीनगर जिलों के 17 डॉक्टरों पर विभागीय कार्रवाई के आदेश जारी किए गए हैं। इन डॉक्टरों पर सरकारी सेवा में रहते हुए निजी क्लीनिक चलाने का आरोप है। स्वास्थ्य विभाग (UP News) के इस उल्लंघन को गंभीरता से लेते हुए डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने कड़ी नाराजगी जताई है और स्वास्थ्य विभाग के प्रमुख सचिव पार्थ सारथी सेन शर्मा को सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए हैं।
सरकारी डॉक्टरों की मनमानी पर सरकार सख्त
उत्तर प्रदेश सरकार (UP News) की स्पष्ट गाइडलाइन के अनुसार सरकारी अस्पतालों में कार्यरत डॉक्टरों को निजी प्रैक्टिस करने की सख्त मनाही है। इसके बावजूद कई डॉक्टर सरकारी सेवा में रहते हुए निजी क्लीनिक चला रहे थे। सरकार डॉक्टरों को हर महीने नॉन प्रैक्टिसिंग अलाउंस (NPA) देती है ताकि वे निजी प्रैक्टिस न करें और पूरी तरह से सरकारी अस्पताल में मरीजों की सेवा करें। लेकिन कुछ डॉक्टर नियमों को ताक पर रखकर निजी प्रैक्टिस में लिप्त पाए गए।
किन डॉक्टरों पर होगी कार्रवाई?
बलरामपुर: 10 डॉक्टरों पर कार्रवाई
हाथरस: 6 डॉक्टरों पर कार्रवाई
कुशीनगर: 1 डॉक्टर पर कार्रवाई
बलरामपुर, हाथरस और कुशीनगर के सरकारी अस्पतालों के डॉक्टरों की जांच रिपोर्ट आने के बाद यह कार्रवाई तय की गई। अब इन सभी के खिलाफ विभागीय जांच शुरू की जाएगी और नियमानुसार कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
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डिप्टी सीएम का सख्त आदेश
डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक (UP News) ने साफ किया कि सरकारी डॉक्टरों की लापरवाही किसी भी हाल में बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने कहा कि सरकार का साफ संदेश है कि निजी प्रैक्टिस में लिप्त डॉक्टरों को चिन्हित कर उनके खिलाफ लगातार कार्रवाई जारी रहेगी। सरकार इस मामले में और भी कड़े कदम उठा सकती है ताकि सरकारी अस्पतालों में मरीजों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं मिल सके और डॉक्टर अपनी जिम्मेदारी को गंभीरता से निभाएं।