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थ्रीडी मैपिंग तकनीक से प्रयागराज में बसने जा रहा है  माघ मेला

इस बार मेला क्षेत्र को बढ़ाकर लगभग 1000 हेक्टेयर किया जाएगा, जो पिछली बार के लगभग 770 हेक्टेयर से काफी बड़ा है। इससे श्रद्धालुओं और कल्पवासियों को ज्यादा खुला स्थान और बेहतर सुविधाएं मिलेंगी।

Swati Chaudhary by Swati Chaudhary
November 4, 2025
in प्रयागराज
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प्रयागराज में आगामी माघ मेला 2026 को लेकर प्रशासन ने आधुनिक तकनीक का सहारा लेने का फैसला किया है। इस बार माघ मेला थ्रीडी मैपिंग और ड्रोन सर्वे के माध्यम से तैयार किया जाएगा, जिससे मेला क्षेत्र की योजना अधिक सटीक और सुव्यवस्थित होगी। यह पहली बार होगा जब इस ऐतिहासिक और धार्मिक मेला में इस प्रकार की तकनीक का इस्तेमाल होगा।

पहले माघ मेला की बसावट के लिए कर्मचारी रेत पर जाकर पांव से नाप-तौल करते थे, जिसमें कई दिन लग जाते थे और मौसम या जलस्तर में बदलाव का खतरा रहता था। अब इस काम को आधुनिक विज्ञान द्वारा आसान बनाया गया है। ड्रोन उड़ाकर मेला क्षेत्र की तीन-आयामी (थ्रीडी) मैपिंग की जाएगी, जिससे जमीन की ऊंचाई, ढलान, मिट्टी की स्थिति और जलभराव की जानकारी बहुत सटीक मिलेगी। इसके आधार पर मेला क्षेत्र को सात सेक्टरों में बांटा जाएगा, जिससे यातायात व्यवस्था, सुरक्षा, बिजली-पानी की आपूर्ति, और साधु-संतों की पारंपरिक व्यवस्थाओं में बाधा नहीं आएगी।

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1000 हेक्टेयर किया जाएगा मेला क्षेत्र 

इस बार मेला क्षेत्र को बढ़ाकर लगभग 1000 हेक्टेयर किया जाएगा, जो पिछली बार के लगभग 770 हेक्टेयर से काफी बड़ा है। इससे श्रद्धालुओं और कल्पवासियों को ज्यादा खुला स्थान और बेहतर सुविधाएं मिलेंगी। प्रशासन का लक्ष्य श्रद्धालुओं को एक सुरक्षित, सुव्यवस्थित और सहज मेला अनुभव प्रदान करना है।

मेला क्षेत्र का समतलीकरण भी तेज़ी से शुरू हो चुका है। काली मार्ग और पुराने जीटी रोड पर पांटून पुलों के लिए आवश्यक सामग्री पहुंच चुकी है। इस बार सात पांटून पुल बनेंगे, जो नदी पार करने वाले श्रद्धालुओं के आवागमन को और सरल और सुरक्षित बनाएंगे। पिछले साल छह पुल थे, जो भीड़ के दबाव का सामना कर रहे थे, वहीं इस बार नया पांटून पुल फाफामऊ के पास बनाया जाएगा।

माघ मेला 2026 में कई प्रमुख स्नान पर्व भी होंगे, जिनमें पौष पूर्णिमा, मकर संक्रांति, मौनी अमावस्या, वसंत पंचमी, माघी पूर्णिमा और महाशिवरात्रि शामिल हैं। ये पर्व धार्मिक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण माने जाते हैं।

Tags: 3D mapping technologyMagh Mela 2026 planningMagh Mela PrayagrajMagh Mela safetyPrayagraj religious events
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Swati Chaudhary

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