Mahakumbh 2025: महाकुंभ 2025 के दौरान 29 जनवरी को प्रयागराज में संगम पर भारी भीड़ के चलते भगदड़ मच गई। मौनी अमावस्या के स्नान के लिए लाखों श्रद्धालु पहुंचे थे, जिससे स्थिति बेकाबू हो गई। इस हादसे में करीब 40 से 50 लोग घायल हो गए।प्रशासन ने तुरंत राहत कार्य शुरू किया और घायल श्रद्धालुओं को अस्पताल भेजा। सुरक्षा बढ़ाने के लिए और भी पुलिस बल तैनात किया गया। इस घटना ने फिर से यह सवाल खड़ा किया है कि इतने बड़े आयोजन के लिए भीड़ प्रबंधन और सुरक्षा इंतजामों को और सख्त किया जाए।ये सवाल कोई पहली बार नहीं पहले भी प्रशासन पर सवाल उठ चुके है।
हरिद्वार भगदड़ 2010 एक दर्दनाक घटना
वर्ष 2010 में हरिद्वार में कुंभ मेले के दौरान 14 अप्रैल का दिन बेहद दुखद साबित हुआ। हर की पैड़ी पर गंगा स्नान के लिए जुटी भारी भीड़ के बीच भगदड़ मच गई। इस हादसे में 8 लोगों की जान चली गई, जबकि कई श्रद्धालु घायल हो गए।
कैसे हुआ था हादसा?
उस दिन गंगा स्नान के लिए लाखों लोग हर की पैड़ी पर इकट्ठा हुए थे। रास्ते तंग थे और भीड़ लगातार बढ़ती जा रही थी। इसी दौरान अचानक धक्का-मुक्की शुरू हो गई और हालात बिगड़ गए। भगदड़ इतनी तेज़ थी कि कई लोग जमीन पर गिर गए और उन्हें संभलने का मौका नहीं मिला।
घटना के बाद का माहौल
हादसे के बाद हर तरफ अफरातफरी मच गई। लोग अपने परिजनों को ढूंढते नज़र आए। पुलिस और प्रशासन ने स्थिति संभालने की कोशिश की, लेकिन तब तक यह दर्दनाक घटना घट चुकी थी।
प्रशासन पर सवाल
इस घटना के बाद प्रशासन की तैयारियों पर खूब सवाल उठे। इतनी बड़ी भीड़ के लिए सुरक्षा इंतजाम नाकाफी साबित हुए। लोगों ने बेहतर प्रबंधन की मांग की ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएं न हों।
सरकार की मदद
सरकार ने मृतकों के परिवारों को मुआवजा देने का ऐलान किया और घायलों के इलाज की व्यवस्था भी की।