Mahakumbh 2025: ज्योतिषाचार्यों के मुताबिक, इस योग का प्रभाव समुद्र मंथन के समय जैसे होता है, और इस दिन संगम में स्नान करने से हजारों यज्ञों का पुण्य प्राप्त होता है। 29 जनवरी से 8 फरवरी के बीच किसी भी समय स्नान करने पर पुण्य की प्राप्ति होगी। खास बात यह है कि 144 साल बाद यह खास योग बन रहा है, इसलिए इस दिन स्नान का महत्व और भी बढ़ जाता है।
किस समय बन रहा है योग
मौनी अमावस्या पर त्रिवेणी योग बनना बहुत ही दुर्लभ और फलदायी माना जाता है। यह योग मंगलवार अपराह्न 2:35 बजे से लेकर 8 फरवरी सुबह 7:25 बजे तक रहेगा। इस दौरान संगम घाट पर स्नान करने का विशेष महत्व होगा। ज्योतिष शास्त्रियों के अनुसार, यह योग समुद्र मंथन के समय के जैसे है, जहां अमृत समान पुण्य मिलेगा।
संगम ना जा पाए तो घर पर ही कैसे मिलेगा पुण्य
संगम में स्नान करना मोक्ष प्राप्ति के लिए महत्वपूर्ण माना जाता है। पौराणिक मान्यता के अनुसार, मौनी अमावस्या पर संगम स्नान से मोक्ष की प्राप्ति होती है। इस दिन पवित्र संगम में स्नान करना सबसे उत्तम माना जाता है, लेकिन जो लोग संगम नहीं जा पा रहे हैं, वे घर में गंगा जल का स्नान कर सकते हैं और उसी पुण्य का लाभ उठा सकते हैं।
मौनी अमावस्या का महत्व केवल संगम घाट तक ही सीमित नहीं है, बल्कि पूरे दिन यह पुण्य प्राप्त करने का अवसर होता है।
शुभ मुहूर्त कब बन रहे
144 साल बाद बन रहा संयोग
कानपुर के प्रसिद्ध ज्योतिषाचार्य पीएन द्विवेदी के अनुसार, इस दिन मौन व्रत रखने और स्नान करने से विशेष पुण्य की प्राप्ति होती है। इस दिन को लेकर विशेष आस्था है और लोग इस दिन घर के आसपास भी संगम जल से स्नान कर सकते हैं, ताकि वे इस पुण्य से वंचित न रहें। जो लोग संगम पर नहीं जा पाते, उनके लिए यह एक अच्छा अवसर है कि वे घर में गंगा जल से स्नान कर पुण्य कमा सकें।
इस साल का महाकुंभ इसलिए भी खास है क्योंकि यह विशेष योग और संयोग का समय है। 144 साल बाद यह संयोग बन रहा है, जिससे श्रद्धालुओं को अधिक पुण्य और आशीर्वाद मिलेगा। मौनी अमावस्या पर इस खास समय में स्नान करने से विशेष पुण्य की प्राप्ति होगी, जो जीवन के हर पहलू में सकारात्मक बदलाव लाने में मदद करेगा।