Mahakumbh 2025 : महाकुंभ में हर व्यक्ति सनातन धर्म के रंग में रंगा हुआ दिखाई दे रहा है। शक्तिधाम के शिविर में बुधवार को 61 विदेशी श्रद्धालुओं ने गुरु दीक्षा लेकर सनातन धर्म को आत्मसात किया। शांति की तलाश में वास्तुविद, डॉक्टर, आईटी डेवलपर समेत कई पेशेवरों ने गुरु मंत्र लिया और सनातन के मार्ग पर चलने का संकल्प लिया।
शक्तिधाम आश्रम, सेक्टर 17 में बुधवार को वैदिक मंत्रोच्चार के बीच विधिपूर्वक इन श्रद्धालुओं ने जगद्गुरु साईं मां लक्ष्मी देवी से दीक्षा ली और सनातन धर्म को अपनाया। विदेशी श्रद्धालु ऊं नमः शिवाय के मंत्र पर नाचते-गाते हुए अपने आस्था की अभिव्यक्ति कर रहे थे। साईं मां लक्ष्मी देवी ने इस अवसर पर कहा कि सनातन धर्म न केवल हजारों वर्षों पुराना है, बल्कि यह हमारे जीवन में अद्भुत शक्ति लाता है। आज के तनाव और नशे की चपेट में फंसे युवाओं को सही दिशा दिखाने का कार्य सिर्फ सनातन धर्म ही कर सकता है।
सात समंदर पार खींच लाया सनातन
गुरु दीक्षा लेने वाली बेल्जियम की अस्थि रोग विशेषज्ञ कैथरीन गिल्डेमिन ने बताया कि जीवन की भागदौड़ ने उन्हें अत्यधिक तनाव दिया था और उनका व्यक्तिगत जीवन भी सही नहीं चल रहा था। लेकिन जब वह साईं मां के सानिध्य में आईं, तो उन्होंने सनातन धर्म से जुड़कर अपने जीवन में एक नई दिशा पाई। आयरलैंड के डेविड हैरिंगटन ने कहा कि सनातन की सरलता ने उन्हें सात समुंदर पार भारत की ओर खींच लिया। उनका मानना है कि सनातन एक ऐसा मार्ग है जो किसी पर भी कोई बंधन नहीं थोपता, बल्कि हर व्यक्ति को अपनी राह चुनने की स्वतंत्रता देता है।
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फ्रांस की सॉफ्टवेयर इंजीनियर ओलिवियर गिउलिरी ने बताया कि जीवन में सब कुछ होने के बावजूद एक खालीपन था, और इस खालीपन की तलाश उन्हें सनातन धर्म में जाकर पूरी हुई। वह गुरु दीक्षा से अत्यधिक अभिभूत हैं। अब तक, शक्तिधाम शिविर में 200 से अधिक विदेशी श्रद्धालुओं ने सनातन धर्म की दीक्षा ली है। इनमें संयुक्त राज्य अमेरिका के वास्तुकार मैथ्यू लॉरेंस, कनाडा के चिकित्सक आंद्रे अनात, अमेरिका के ऊर्जा विशेषज्ञ जेनी मिलर, कनाडा के आईटी डेवलपर मैथ्यू सावोई और बेल्जियम के स्वास्थ्य एवं सुरक्षा सलाहकार क्रिस्टेल डी कैट शामिल हैं।