Mahakhumb : महाकुंभ में अमृत स्नान का विशेष महत्व होता है, जिसमें साधु-संतों का विशाल जमावड़ा देखने को मिलता है। प्रयागराज के महाकुंभ का पहला अमृत स्नान 14 जनवरी को मकर संक्रांति के अवसर पर आयोजित हुआ था, जिसमें लगभग 3.5 करोड़ श्रद्धालुओं ने डुबकी लगाई। आंकड़ों के अनुसार, 13 जनवरी से अब तक 10.21 करोड़ से अधिक लोग महाकुंभ में स्नान कर चुके हैं।
दूसरा अमृत स्नान कब होगा ?
साधु-संत अब दूसरे अमृत स्नान का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं, जो 29 जनवरी को मौनी अमावस्या के दिन होगा। इस अवसर पर प्रयागराज में भारी भीड़ उमड़ने की संभावना है। प्रशासन का अनुमान है कि इस दिन 8 करोड़ से अधिक श्रद्धालु स्नान के लिए पहुंच सकते हैं। पहले अमृत स्नान की तरह इस बार भी नागा साधु और उनके अनुयायी पहले स्नान करेंगे। इसके बाद आखिरी अमृत स्नान का आयोजन किया जाएगा।
आखिरी अमृत स्नान के बाद नागा साधु का अगला पड़ाव
दूसरे अमृत स्नान के बाद नागा साधु अपनी धूनी रमाकर तपस्या और कल्पवास में लीन हो जाएंगे। इसके बाद 3 फरवरी को बसंत पंचमी के दिन तीसरा और अंतिम अमृत स्नान होगा। इस स्नान के बाद नागा साधु प्रयागराज से अपने अगले पड़ाव की ओर प्रस्थान करेंगे। वे अपने-अपने अखाड़ों में लौटने के बाद अनजान वनों, गुफाओं और हिमालय की कंदराओं में तपस्या करने चले जाएंगे।