Mahakumbh 2025: छह दिनों में 7 करोड़ श्रद्धालुओं ने संगम में लगाई डुबकी, रिकॉर्ड हुआ तोड़ा

महाकुंभ 2025 में 11 जनवरी से 16 जनवरी तक छह दिनों में सात करोड़ से ज्यादा श्रद्धालुओं ने संगम में पवित्र डुबकी लगाई, तोड़ा गया एक नया रिकॉर्ड। ठंड के बावजूद श्रद्धालुओं का उत्साह कम नहीं हुआ, और महाकुंभ की भव्यता ने हर दिन नया इतिहास रचा।

Mahakumbh 2025

Mahakumbh 2025: महाकुंभ 2025 के आयोजन में एक नया इतिहास रचा जा रहा है। 11 जनवरी से 16 जनवरी के बीच, महज छह दिनों में सात करोड़ से ज्यादा श्रद्धालुओं ने प्रयागराज स्थित त्रिवेणी संगम में पवित्र डुबकी लगाई। इस दौरान संगम में स्नान करने वाले श्रद्धालुओं की संख्या ने एक नया रिकॉर्ड स्थापित किया, और यह संख्या अभी भी लगातार बढ़ रही है। ठंड के बावजूद श्रद्धालुओं का उत्साह देखने लायक था। गुरुवार शाम तक करीब 30 लाख लोग संगम में स्नान कर चुके थे, और यह आंकड़ा दिन-ब-दिन बढ़ता जा रहा है। योगी सरकार के अनुमान के मुताबिक, इस बार Mahakumbh 2025 में 45 करोड़ लोग आने की संभावना है, जो इस ऐतिहासिक मौके की भव्यता को दर्शाता है।

महाकुंभ में 16 जनवरी तक 7 करोड़ से ज्यादा श्रद्धालुओं ने संगम में स्नान किया है। 11 जनवरी को 45 लाख लोगों ने डुबकी लगाई, जबकि 12 जनवरी को यह आंकड़ा 65 लाख तक पहुंचा। महाकुंभ के पहले दिन, पौष पूर्णिमा के स्नान पर्व पर 1.70 करोड़ लोग संगम में डुबकी लगाने पहुंचे, जिससे एक नया रिकॉर्ड बना। अगले दिन, मकर संक्रांति पर 3.50 करोड़ लोगों ने पवित्र स्नान किया, जिससे कुल संख्या 5.20 करोड़ के पार पहुंच गई। इस दौरान विभिन्न प्रदेशों और देशों से आए श्रद्धालुओं ने अपनी आस्था और श्रद्धा से संगम को पवित्र किया।

प्रयागराज में ठंड के बावजूद श्रद्धालुओं का जोश और उत्साह कम नहीं हुआ। पूरे महाकुंभ मेले में लाखों श्रद्धालु हर दिन संगम पहुंचकर पुण्य अर्जित कर रहे हैं। देश के विभिन्न हिस्सों से आए भक्तों के अलावा, विदेशी श्रद्धालु भी अपनी आस्था को प्रदर्शित करने के लिए महाकुंभ में शामिल हो रहे हैं। यह आयोजन न केवल धार्मिक महत्व का है, बल्कि भारतीय संस्कृति की विविधता और एकता का प्रतीक भी है।

यहां पढ़ें : MahaKumbh 2025-वह साधु संत जो IIT और IIM से पढ़ अपने चमकदार करियर को त्याग, धर्म और अध्यात्म के मार्ग पर निकल गए

Mahakumbh 2025 के इस अद्वितीय आयोजन के दौरान, त्रिवेणी संगम में स्नान करने के लिए आए श्रद्धालुओं की संख्या ने हर दिन नए रिकॉर्ड स्थापित किए। महाकुंभ के आयोजन में प्रशासन और पुलिस व्यवस्था के बेहतर इंतजामों ने श्रद्धालुओं के लिए सुरक्षा और सुविधा सुनिश्चित की, और यह आयोजन भारतीय धार्मिक परंपराओं की महत्ता को पूरी दुनिया में प्रस्तुत करने का एक माध्यम बना।

Exit mobile version