(मोहसिन खान) नोएडा डेस्क। यूं तो तीर्थराज नगरी प्रयागराज में महाकुंभ (Mahakumbh 2025) शुरू होने से पहले सरकार ने संभावना जताई थी कि तकरीबन 40 करोड़ श्रद्वालु संगम में आस्था की डुबकी लगा सकते है लेकिन श्रद्वालुओं की संख्या उम्मीद से ज्यादा पहुंच गई और 60 करोड़ से ज्यादा देश और दुनिया के श्रद्वालु आस्था की डुबकी लगा चुके है इस आंकड़े को दूसरें लिहाज़ से देखा जाए तो ये आंकड़ा दुनिया में रहने वाले करीब 120 करोड़ हिंदुओं का 50 फीसदी है यानि साफ है कि आधे हिन्दु संगम में अब तक स्नान कर चुके है. जबकि दिव्य, भव्य और डिजिटल महाकुंभ के समापन में अभी 2 दिन बाकी है। आपको बताते चले कि रविवार को छुट्टी का दिन था और लाखों श्रद्वालुओं ने स्नान किया था।
60 करोड़ से ज्यादा लोगों ने लगाई डूबकी
ताज्जुब इस बात का है कि रविवार की छुट्टी के दिन से ज्यादा श्रद्वालुओं के आने का सिलसिला सोमवार को दिखाई दिया, आस्था और अध्यातम की अद्भुत संगम में स्नान (Mahakumbh 2025) करने का अंदाज़ा इसी बात से लगाया जा सकता है कि रविवार को करीब 50 लाख श्रद्वालुओं ने आस्था की डुबकी लगाई थी, जबकि सोमवार सुबह बजे तक श्रद्वालुओं के स्नान करने का आंकड़ा 50 लाख को पार करके 55 लाख तक पहुंच गया और 13 जनवरी से अब तक श्रद्वालुओं के स्नान करने का आंकड़ा 62.61 करोड़ तक पहुंच चुका है, उम्मीद की रही है कि अगले दो दिनों के भीतर श्रद्वालुओं स्नान करने का आंकड़ा 65 करोड़ को पार कर जाएगा क्योंकि भीड़ चाहे कितनी ही क्यों ना बढ़ जाए, लेकिन श्रद्वालुओं के उत्साह में कोई कमी नहीं आ रही।
महाकुंभ में बचे है अब आखिर के 2 दिन
आस्था, अध्यात्म, आधुनिकता और अर्थव्यवस्था के समागम में प्रयागराज की धरती एक नया इतिहास रच रहा है। जाहिर सी बात है कि रिकॉर्ड के नज़रिए से महाकुंभ (Mahakumbh 2025) अपनी अमिट छाप छोड़कर जाएगा फिर चाहे वो स्वच्छता के मामलें में कीर्तिमान स्थापित करना हो या फिर सुरक्षा और चिकित्सा की बेहतरीन व्यवस्थाओं को लेकर नया अध्याय लिखना हो। इन सब व्यवस्थाओं के आगे श्रद्वालुओं को हो रही थोड़ी बहुत दिक्कतें भी काफूर हो रही है और कहते भी है कि आस्था कभी भी व्यवस्थाओं की मोहताज नहीं होती और शायद यही वजह है कि प्रयागराज में लगातार आस्था का सैलाब उमड़ रहा है।
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2 दिन बाकी बचे है और श्रद्वालुओं के आने का सिलसिल बदस्तूर जारी है मेला परिसर हो या फिर शहर के हालात हर जगह की तस्वीरें यही कि श्रद्वालुओं के सिर से सिर मिलकर चल रहे है। प्रयागराज में एंट्री पॉइंट पर पार्किंग के आसपास जाम है शहर के अंदर चौराहों पर भी भीषण जाम है प्रयागराज पहुंचने वाली गाड़ियों को संगम से 10 किमी पहले पार्किंग में रोका जा रहा है लेकिन बड़ी बात ये है कि श्रद्वालुओं पर इन पाबंदियों का असर नहीं दिखाई दे रहा है और शायद इसलिए कहते भी है कि अगर मन में भक्ति, श्रद्वा और आस्था विश्वास है तो फिर कोई भी धार्मिक यात्रा मुश्किल नहीं होती।
सोशल मीडिया पर छाया रहा महाकुंभ
अब वाजिब सा सवाल ये है कि महाकुंभ की दिव्यता और भव्यता के साथ उमड़े श्रद्वालुओं के सैलाब के पीछे की वजह क्या है तो उसमें सोशल मीडिया का बड़ा फैक्टर निकलकर सामने आया, सोशल मीडिया पर 100 से ज्यादा क्रिएटर्स ने कुंभ से जुड़ी रील्स और वीडियो को अपने प्लेटफॉर्म पर पोस्ट किया, जबकि दूसरी बड़ी वजह के रूप में देखा गया कि महाकुंभ का पुण्य योग 144 साल बाद बना और इसको लेकर देश के कोने-कोने में श्रद्वालुओं के अंदर एक बड़ी उत्सुकता नज़र आई जिसके बाद श्रद्वालुओं में अमृत स्नान से चूक जाने का डर बन गया और ये इस कद्र हावी हुआ कि अमृत महाकुंभ में अमृत स्नान को लेकर श्रद्वालुओं ने सीधा प्रयागराज का रूख किया।