Mahakumbh 2025 में मौनी अमावस्या के दिन भगदड़ मचने से 30 लोगों की मौत और 60 से ज्यादा लोग घायल हो गए। अब इस मामले में बड़ी साजिश की आशंका जताई जा रही है। उत्तर प्रदेश पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स (STF) और एंटी टेररिस्ट स्क्वाड (ATS) इस घटना की हर पहलू से जांच कर रही हैं। सूत्रों के मुताबिक, जांच एजेंसियां इसे सिर्फ एक हादसा मानने के मूड में नहीं हैं, बल्कि इसे एक सुनियोजित साजिश के रूप में देख रही हैं।
120 संदिग्धों पर शिकंजा
सीएम ने शुरू किया ‘ऑपरेशन 120’ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस मामले को बेहद गंभीरता से लिया है और ‘ऑपरेशन 120’ शुरू किया है। इस ऑपरेशन के तहत उन 120 संदिग्ध लोगों को ट्रैक किया जा रहा है, जो महाकुंभ में भगदड़ के समय वहां मौजूद थे। एआई (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) से लैस कैमरों की मदद से इन सभी संदिग्धों की पहचान की गई है। खास बात यह है कि ये सभी संदिग्ध एक ही बस से आए थे और मेले में घुसते ही अराजकता फैलाने लगे। जांच एजेंसियां इस बात की गहराई से पड़ताल कर रही हैं कि क्या इन्हीं लोगों ने अफवाहें फैलाकर भगदड़ मचाई थी।
मोबाइल सर्विलांस से मिले अहम सुराग
STF को जांच के दौरान कुछ बेहद अहम सुराग मिले हैं। भगदड़ के दौरान कुछ मोबाइल नंबर बहुत सक्रिय थे, लेकिन घटना के बाद ये नंबर अचानक बंद हो गए। इन नंबरों को ट्रैक किया जा रहा है और उनकी लोकेशन और कॉल डिटेल्स की जांच की जा रही है। खास बात यह है कि संगम नोज इलाके में उस समय 16,000 से ज्यादा मोबाइल फोन सक्रिय थे। इनमें से 100 से ज्यादा नंबरों को निगरानी में रखा गया है, ताकि यह पता लगाया जा सके कि भगदड़ के पीछे किसका हाथ था।
CCTV और ड्रोन फुटेज खंगालने में जुटी एजेंसियां
महाकुंभ में सुरक्षा के लिए लगाए गए CCTV कैमरों और ड्रोन फुटेज की बारीकी से जांच की जा रही है। फुटेज में कई संदिग्ध गतिविधियां रिकॉर्ड हुई हैं, जिनका विश्लेषण किया जा रहा है। जांच एजेंसियों को संदेह है कि भगदड़ से पहले कुछ युवकों के समूह ने भीड़ में घुसकर धक्का मुक्की शुरू की थी, जिससे अफरातफरी मच गई। अब उन युवकों की पहचान के लिए फुटेज को खंगाला जा रहा है।
रेहड़ी पटरी वालों से भी पूछताछ जारी
STF और पुलिस टीम ने महाकुंभ में मौजूद रेहड़ी पटरी वालों, पूजा सामग्री बेचने वालों और स्थानीय व्यापारियों से भी पूछताछ शुरू कर दी है। इससे पता लगाया जा रहा है कि भगदड़ से पहले किसी संदिग्ध व्यक्ति की गतिविधि देखी गई थी या नहीं।
CM योगी खुद कर रहे निगरानी
वसंत पंचमी के अवसर पर तीसरे अमृत स्नान के दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ खुद वॉर रूम से महाकुंभ की निगरानी कर रहे थे। उन्होंने सुबह तीन बजे से ही सुरक्षा व्यवस्था की कमान संभाल ली थी। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि सुरक्षा में किसी भी तरह की चूक नहीं होनी चाहिए और संदिग्ध गतिविधियों पर कड़ी नजर रखी जाए।
हादसा या साजिश? जांच जारी
अब सबसे बड़ा सवाल यही है कि महाकुंभ में भगदड़ महज एक हादसा थी या फिर इसके पीछे कोई बड़ी साजिश थी STF और ATS की टीमें इस मामले की बारीकी से जांच कर रही हैं। सभी सुरक्षा एजेंसियां हाई अलर्ट पर हैं, ताकि भविष्य में ऐसी कोई घटना दोबारा न हो।