Mamta Kulkarni : बॉलीवुड की पूर्व अभिनेत्री ममता कुलकर्णी ने सोमवार को एक बड़ा फैसला लिया है। उन्होंने किन्नर अखाड़े के महामंडलेश्वर पद से अपना इस्तीफा देने की घोषणा की है। इस बारे में उन्होंने सोशल मीडिया पर एक वीडियो साझा किया, जिसमें उन्होंने स्पष्ट किया कि वह बचपन से ही साध्वी रही हैं और आगे भी इसी मार्ग पर चलेंगी।
अपने वीडियो संदेश में ममता कुलकर्णी, जिन्हें यमाई ममता नंद गिरि के नाम से भी जाना जाता है, ने कहा कि वह किन्नर अखाड़े के महामंडलेश्वर पद से अपना त्यागपत्र दे रही हैं। उन्होंने यह कदम इसलिए उठाया क्योंकि उन्हें महामंडलेश्वर घोषित करने को लेकर अखाड़ों के बीच विवाद खड़ा हो गया था। ममता कुलकर्णी ने जोर देते हुए कहा कि वह पिछले 25 वर्षों से साध्वी जीवन जी रही हैं और भविष्य में भी इसी राह पर बनी रहेंगी।
महामंडलेश्वर पद से दिया इस्तीफा
ममता कुलकर्णी ने बताया कि उन्हें महामंडलेश्वर का सम्मान दिया गया था, लेकिन कुछ लोगों ने इस पर आपत्ति जताई, चाहे वह शंकराचार्य हों या अन्य कोई। उनका कहना है कि लोगों ने यह भी कहा कि वह दो अखाड़ों के बीच फंस गई हैं। उन्होंने अपने गुरु श्री चैतन्य गगनगिरि महाराज के सानिध्य में 25 वर्षों तक कठोर तपस्या की है। श्री चैतन्य गगनगिरि महाराज को सिद्ध पुरुष मानते हुए उन्होंने कहा कि उनकी बराबरी कोई और नहीं कर सकता।
उन्होंने आगे कहा कि उन्हें हिमालय या कैलाश मानसरोवर जाने की कोई आवश्यकता नहीं है। महामंडलेश्वर पद को लेकर उठे विवाद पर प्रतिक्रिया देते हुए उन्होंने कहा कि जिन लोगों को उनके इस पद पर आसीन होने से आपत्ति हुई, उनके बारे में वह कोई टिप्पणी नहीं करना चाहतीं। उन्होंने खुलासा किया कि जब 2 लाख रुपये की जरूरत पड़ी थी, तब महामंडलेश्वर जय अंबानंद गिरि ने अपनी जेब से निकालकर लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी को यह राशि दी थी।
ममता कुलकर्णी ने यह भी कहा कि उन्होंने 25 साल पहले ही बॉलीवुड को अलविदा कह दिया था और लंबे समय तक सार्वजनिक जीवन से दूर रहीं। उन्होंने यह भी सवाल उठाया कि ग्लैमर और फिल्म इंडस्ट्री से कोई इतनी आसानी से खुद को अलग नहीं कर सकता, लेकिन उन्होंने यह फैसला लिया था। इसके बावजूद, उनकी कई बातों पर लोगों ने आपत्ति जताई।