Prayagraj Mahakumbh stampede-प्रयागराज महाकुंभ में मौनी अमावस्या से पहले बड़ा हादसा हो गया। मंगलवार देर रात भारी भीड़ के कारण भगदड़ मच गई, जिसमें कई श्रद्धालु हताहत हो गए। इस हादसे पर समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने दुख जताया और श्रद्धालुओं के परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त की।
अखिलेश यादव ने इस घटना के लिए सरकार की अव्यवस्था को जिम्मेदार ठहराते हुए कहा कि प्रशासन को पहले से तैयार रहना चाहिए था। उन्होंने श्रद्धालुओं से संयम रखने और अफवाहों पर ध्यान न देने की अपील की।
सरकार से 5 महत्वपूर्ण अपीलें
गंभीर रूप से घायलों के लिए बेहतर इलाज
घायलों को जल्द से जल्द एयर एंबुलेंस की मदद से बड़े अस्पतालों तक पहुंचाकर उनका बेहतर इलाज कराया जाए।
मृतकों के परिजनों की सहायता
जिन श्रद्धालुओं की हादसे में मौत हो गई, उनके शवों को पहचानकर जल्द से जल्द उनके परिवारों को सौंपा जाए और उन्हें उनके घर पहुंचाने की व्यवस्था की जाए।
बिछड़े लोगों को मिलाने के लिए विशेष प्रयास
भगदड़ के कारण कई लोग अपने परिवार से बिछड़ गए हैं। प्रशासन को चाहिए कि वे ऐसे लोगों को मिलाने के लिए हेल्पडेस्क बनाएं और जरूरी कदम उठाएं।
हेलिकॉप्टर से निगरानी बढ़ाने की मांग
महाकुंभ में भीड़ नियंत्रण के लिए हेलिकॉप्टर से निगरानी रखी जाए, ताकि सुरक्षा बेहतर की जा सके और ऐसी घटनाएं न हों।
शाही स्नान की परंपरा बरकरार रहे
महाकुंभ में शाही स्नान की परंपरा सैकड़ों साल से चली आ रही है। प्रशासन को चाहिए कि राहत कार्यों के साथ साथ इस परंपरा को भी सुरक्षित रूप से पूरा कराए।
महाकुंभ में स्नान और भीड़ की स्थिति
मंगलवार रात 8 बजे तक 4.83 करोड़ श्रद्धालुओं ने संगम में डुबकी लगाई थी।
मकर संक्रांति पर 3.5 करोड़ श्रद्धालु पवित्र स्नान के लिए पहुंचे थे।
पौष पूर्णिमा पर 1.7 करोड़ श्रद्धालुओं ने गंगा में स्नान किया था।
श्रद्धालुओं को दी गई थी सतर्क रहने की सलाह
इस भगदड़ से पहले प्रशासन ने श्रद्धालुओं को भीड़ से बचने और सुरक्षा निर्देशों का पालन करने की सलाह दी थी। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक राजेश द्विवेदी ने लोगों से अपील की थी कि वे जहां पहुंचे हैं, वहीं स्नान करें और संगम नोज की ओर जाने से बचें। इसके बावजूद भीड़ बेकाबू हो गई और भगदड़ मच गई।
शाही स्नान पर असमंजस, अखाड़ों में मतभेद
भगदड़ के बाद महंतों और अखाड़ों में शाही स्नान को लेकर असमंजस की स्थिति बनी रही। अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष रवींद्र पुरी ने पहले कहा था कि शाही स्नान रद्द कर दिया गया है। लेकिन बाद में उन्होंने बयान बदलते हुए कहा कि सरकार से चर्चा के बाद अखाड़े स्नान करेंगे।
महाकुंभ में भीड़ नियंत्रण और सुरक्षा पर सवाल
इस हादसे ने एक बार फिर प्रशासन की तैयारियों और सुरक्षा इंतजामों पर सवाल खड़े कर दिए हैं। महाकुंभ जैसे विशाल आयोजन में भीड़ नियंत्रण और सुरक्षा को प्राथमिकता दी जानी चाहिए थी। अखिलेश यादव समेत कई नेताओं ने मांग की है कि सरकार इस मामले को गंभीरता से ले और आगे से इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए ठोस कदम उठाए।
श्रद्धालुओं से अपील, संयम बनाए रखें, अफवाहों से बचें
इस हादसे के बाद प्रशासन और संत समाज ने श्रद्धालुओं से अपील की है कि वे संयम बनाए रखें और अफवाहों पर ध्यान न दें। सरकार और प्रशासन राहत कार्यों में जुटे हैं और घायलों को बेहतर इलाज मिल रहा है। सभी से अनुरोध है कि शांति बनाए रखें और महाकुंभ को सुरक्षित और व्यवस्थित तरीके से पूरा करने में सहयोग करें।