Meerut News: 8 करोड़ के ‘विधायक’ भैंसे का यूपी में रौला, जानें 60 लाख रुपए की हर साल कैसे करता है कमाई

उत्तर प्रदेश के मेरठ स्थित आईआईएमटी यूनिवर्सिटी में तीन दिवसीय अखिल भारतीय किसान मेला चल रहा है। जिसमें देश के कोने-कोने से किसान पहुंच रहे हैं। मेले के दूसरे दिन यहां अजब-गजब रोमांच का माहौल देखने को मिला।

लखनऊ ऑनलाइन डेस्क। उत्तर प्रदेश के मेरठ स्थित आईआईएमटी यूनिवर्सिटी में तीन दिवसीय अखिल भारतीय किसान मेला चल रहा है। जिसमें देश के कोने-कोने से किसान पहुंच रहे हैं। मेले के दूसरे दिन यहां अजब-गजब रोमांच का माहौल देखने को मिला। एक से बढ़कर एक नस्ल के भैंसे मेले में दिखे तो गाय-भैसों ने भी सबको मोह लिया। इनसब के बीच हरियाणा के पद्मश्री नरेंद्र सिंह के 8 करोड़ की कीमत वाले मुर्रा नस्ल के भैंसा का अपना अगल ही रौला दिखा। भैंसे का नाम भी नाम भी गजब का रखा गया है। उसे किसान ने ‘विधायक’ नाम दिया है। विशाल कद-काठी वाले विधायक को देखने के लिए भीड़ उमड़ रही है।

मेरठ जनपद स्थित आईआईएमटी यूनिवर्सिटी में तीन दिवसीय अखिल भारतीय किसान मेला चल रहा है। इस पशु मेले में पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, उत्तराखंड, मध्यप्रदेश और राजस्थान के किसान अपने अपने पशु लेकर आए हुए हैं। मेले में अजब-गजब के पशु देखे जा सकते हैं। महंगी-महंगी भैंस-गाय के अलावा घोड़े भी शान बढ़ा रहे हैं। इनसब के बीच सबसे ज्यादा चर्चा हरियाणा के विधायक भैंसा की है। विधायक नामक इस भैंसे की कीमत आठ करोड़ रुपये होने का दावा किया जा रहा है। इसके मालिक नरेंद्र सिंह को अच्छे पशुपालन के लिए पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित किया जा चुका है। इस मुर्रा सांड ‘विधायक’ को देखने के लिए लोग लालायित रहे और सेल्फी ली।

सरदार वल्लभभाई पटेल कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय मोदीपुरम के निदेशक प्रसार डॉ. पीके सिंह के अनुसार, सीमन से ही ऐसे भैंसे की कीमत का आकलन किया जाता है। इस भैंसे से साल में 50-60 लाख रुपये का सीमन बेचा जा रहा है। अब तक करीब 8 करोड़ का सीमन बेच चुके हैं। वहीं पद्मश्री नरेंद्र सिंह ने कहा कि मुर्रा नस्ल के सांड विधायक ने देशभर में अनेक प्रतियोगिताओं में अपना परचम लहराया है। पद्मश्री नरेंद्र सिंह ने बताया कि विधायक भैंसा को खरीदने के लिए देश ही नहीं विदेश से भी ग्राहक आए। लेकिन हमने बेचने से इंकार कर दिया। पद्मश्री नरेंद्र सिंह ने बताया कि भैंसा के खाने की अलग व्यवस्था है। फलों के अलावा भैंसे को अन्य पर्दार्थ दिए जाते हैं।

कृषि विज्ञान महाविद्यालय के डीन डॉ. राजबीर सिंह ने बताया की इफको टोकियो जनरल इंश्योरेंस कंपनी के वित्तीय सहयोग से मेला लगाया गया है। किसानों को कृषि और पशुपालन के क्षेत्र से संबंधित उन्नत तकनीक की जानकारी दी जा रही है। बता दें, मेले में सौंदर्य प्रतियोगिता के लिए गाय, बैल और भैंसों का चयन किया। मेले में ढोल की थाप, एक तारे की सधी हुई धुन और बीण के साथ हरियाणा के रागिनी गायकों ने दर्शकों को बांधे रखा। डीन डॉ.राजबीर सिंह ने कहा कि मेले में कृषि और पशुपालन क्षेत्र से संबंधित उन्नत तकनीक की जानकारी दी जा रही है। कुलाधिपति योगेश मोहन गुप्ता ने भी मेले का भ्रमण किया। डॉ.संदीप कुमार, डॉ.लखविन्दर सिंह सहित सभी शिक्षक एवं छात्र भी मौजूद रहे।

 

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