Meerut Valmiki community protest: उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ लगातार कानून व्यवस्था सुधारने के प्रयासों में जुटे हैं। थानों में पीड़ितों के साथ सम्मानजनक व्यवहार और पुलिस अधिकारियों की जवाबदेही तय करने को लेकर सख्त निर्देश दिए गए हैं। लेकिन मेरठ में हुई एक हालिया घटना ने इन निर्देशों की गंभीरता पर सवाल खड़े कर दिए हैं। वाल्मीकि समाज के लोगों ने भारी संख्या में मेरठ SSP ऑफिस पर प्रदर्शन किया। आरोप है कि एक बैंककर्मी से मारपीट की शिकायत को CO सदर कैंट ने न केवल नजरअंदाज किया, बल्कि शिकायतकर्ता से अभद्र भाषा में बात की। इस रवैये के विरोध में समाज के लोगों ने प्रदर्शन कर न्याय की मांग की है और दोषी अधिकारी पर कार्रवाई की मांग की।
CO के रवैये से आक्रोशित समाज, SSP ऑफिस पर हंगामा
Meerut के SSP कार्यालय पर शुक्रवार को वाल्मीकि समाज के सैकड़ों लोगों ने एकजुट होकर जोरदार प्रदर्शन किया। हाथों में तख्तियां, नारों की गूंज और गुस्से से भरे चेहरे लिए प्रदर्शनकारी SSP कार्यालय पहुंचे और सीओ सदर कैंट के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की। समाज के लोगों का आरोप है कि जब एक पीड़ित ने पुलिस से मदद मांगी तो उसे ही अपमानित किया गया।
बैंककर्मी से मारपीट, लेकिन शिकायत पर नहीं हुई सुनवाई
दरअसल, मामला 23 मई का है, जब मनोज चंदोला नामक एक बैंककर्मी पर काम के दौरान ही एक व्यक्ति हिमांशु चौधरी ने हमला कर दिया। मनोज ने जब इस घटना की शिकायत दर्ज करानी चाही, तो मामला सीओ सदर कैंट तक पहुंचा। लेकिन पीड़ित के अनुसार, सीओ ने उसकी बातों को नजरअंदाज कर दिया और बेहद अभद्र भाषा का प्रयोग करते हुए उसे अपमानित किया।
सरकारी निर्देशों को ठेंगा, पुलिस प्रशासन मौन
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पहले ही साफ निर्देश दे चुके हैं कि थानों में आने वाले पीड़ितों से सम्मानजनक व्यवहार किया जाए। इसके बावजूद अगर अफसर ही पीड़ितों को अपमानित करें, तो फिर आम जनता कहां जाए – यही सवाल लेकर वाल्मीकि समाज सड़कों पर उतरा। प्रदर्शनकारी इस बात से आहत हैं कि आज भी जातीय आधार पर भेदभाव और सत्ता का दुरुपयोग जारी है।
सरकारी चुप्पी और समाज की बेचैनी
अब तक पुMeerut लिस या Meerut प्रशासन की ओर से इस पूरे मामले में कोई आधिकारिक बयान सामने नहीं आया है। पीड़ित मनोज चंदोला और उनके समाज के लोग मांग कर रहे हैं कि आरोपी अधिकारी के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए। अब देखना यह होगा कि शासन इस प्रकरण को कितनी गंभीरता से लेता है और क्या पीड़ित को न्याय मिल पाता है या नहीं।
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