Merrut News: उत्तर प्रदेश के मेरठ जिले में थाना सरूरपुर क्षेत्र के कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय से 3 छात्राओं के लापता होने की सनसनीखेज घटना ने प्रशासन और स्कूल प्रबंधन की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। कक्षा 7 की ये तीनों छात्राएं गुरुवार सुबह से स्कूल से गायब हैं और इस मामले में स्कूल प्रशासन और जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी (बीएसए) आशा चौधरी पर लापरवाही का आरोप लगा है। देर रात तक चली जांच के बाद भी छात्राओं का कोई सुराग नहीं मिला है और पुलिस ने विद्यालय के आसपास के सीसीटीवी फुटेज खंगालने के साथ तलाशी अभियान तेज कर दिया है।
सुबह से लापता.. शाम तक छुपाया गया मामला
जानकारी के अनुसार तीनों छात्राएं गुरुवार सुबह 9 बजे के आसपास स्कूल से लापता हो गईं। स्कूल प्रशासन को इसकी जानकारी उसी समय हो गई थी लेकिन प्रिंसिपल और बीएसए आशा चौधरी ने इस मामले को देर शाम तक जिला प्रशासन और उच्च अधिकारियों से छुपाए रखा। शाम को जब छात्राओं के परिजन स्कूल पहुंचे और उनकी जानकारी मांगी तो स्कूल प्रशासन ने टालमटोल शुरू कर दी। इससे नाराज परिजनों ने स्कूल में हंगामा शुरू कर दिया। परिजनों का आरोप है कि बीएसए आशा चौधरी ने रात 9 बजे स्कूल पहुंचने के बाद भी उनके साथ अभद्रता की और उन्हें स्कूल परिसर में प्रवेश करने से रोकने की कोशिश की।
बजरंग दल की शिकायत पर हरकत में आया प्रशासन
हंगामे की सूचना मिलने के बाद परिजनों ने बजरंग दल के स्थानीय नेताओं से संपर्क किया जिन्होंने तुरंत जिला प्रशासन से शिकायत की। इसके बाद जिला प्रशासन हरकत में आया और मुख्य विकास अधिकारी (सीडीओ) को मौके पर भेजा गया। रात करीब 10 बजे जिला अधिकारी (डीएम) और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) भी स्कूल पहुंच गए। दोनों अधिकारी सुबह 3 बजे तक स्कूल में मौजूद रहे और स्कूल प्रशासन, अन्य छात्राओं और स्टाफ से पूछताछ की।
शिक्षिका की भूमिका पर सवाल.. सीसीटीवी फुटेज गायब
जांच के दौरान कई चौंकाने वाले तथ्य सामने आए। स्कूल परिसर में लगे सीसीटीवी कैमरे काम नहीं कर रहे थे, और फुटेज भी गायब पाई गई। परिजनों ने स्कूल की एक शिक्षिका की भूमिका पर सवाल उठाए हैं, उनका कहना है कि शिक्षिका की लापरवाही के चलते यह घटना हुई। परिजनों ने यह भी आरोप लगाया कि उनकी बेटियां पहले भी स्कूल परिसर में बाहरी लोगों के आने-जाने की शिकायत कर चुकी थीं। जांच में यह भी पता चला कि स्कूल की पिछली दीवार टूटी हुई थी, जिसके जरिए छात्राएं बाहर निकल सकती हैं।
बीएसए पर पहले भी लगे हैं गंभीर आरोप
बीएसए आशा चौधरी पर इस मामले (Merrut News) को 8 से 10 घंटे तक दबाने का गंभीर आरोप लगा है। परिजनों का कहना है कि अगर समय रहते सूचना दी गई होती तो शायद उनकी बेटियों का पता लगाया जा सकता था। बीएसए पर पहले भी कई बार लापरवाही और गंभीर अनियमितताओं के आरोप लग चुके हैं लेकिन इस बार मामला तीन मासूम छात्राओं की सुरक्षा से जुड़ा होने के कारण लोगों में गुस्सा और आक्रोश है।
पुलिस ने शुरू की तलाश.. मोबाइल लोकेशन से उम्मीद
पुलिस ने देर रात से ही छात्राओं (Merrut News) की तलाश शुरू कर दी है। बताया जा रहा है कि लापता छात्राओं में से एक के पास मोबाइल फोन था जिसके आधार पर पुलिस उसकी लोकेशन ट्रेस करने की कोशिश कर रही है। पुलिस ने स्कूल के आसपास के इलाकों में लगे सीसीटीवी फुटेज को भी खंगालना शुरू कर दिया है लेकिन अभी तक कोई ठोस सुराग नहीं मिला है।
परिजनों में आक्रोश.. प्रशासन पर दबाव
छात्राओं के लापता होने की खबर से इलाके में हड़कंप मच गया है। परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है और वे स्कूल प्रशासन और बीएसए के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। स्थानीय लोगों ने भी इस घटना को लेकर स्कूल की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल उठाए हैं। प्रशासन पर जल्द से जल्द छात्राओं को ढूंढने का दबाव बढ़ता जा रहा है।
अधिकारियों ने नहीं दी जानकारी
जांच में शामिल डीएम और एसएसपी (Merrut News) ने देर रात तक स्कूल में रहकर मामले की गहन पड़ताल की लेकिन अभी तक मीडिया को कोई आधिकारिक जानकारी नहीं दी गई है। इस बीच पुलिस और प्रशासन की टीमें छात्राओं की तलाश में जुटी हुई हैं।
स्कूलों में सुरक्षा पर सवाल
यह घटना एक बार फिर स्कूलों, खासकर आवासीय विद्यालयों में छात्राओं की सुरक्षा को लेकर सवाल खड़े करती है। टूटे हुए सीसीटीवी कैमरे, स्कूल परिसर की टूटी दीवार और बाहरी लोगों की आवाजाही जैसे मुद्दे स्कूल प्रशासन की लापरवाही को उजागर करते हैं। इस घटना ने शिक्षा विभाग की कार्यप्रणाली पर भी सवालिया निशान लगा दिया है। जांच और तलाशी अभियान जारी है लेकिन तीन मासूम छात्राओं के लापता होने से मेरठ में तनाव का माहौल बना हुआ है। परिजन और स्थानीय लोग प्रशासन से जल्द से जल्द कार्रवाई और छात्राओं की सुरक्षित वापसी की मांग कर रहे हैं।