Lunar eclipse: हर साल कुछ विशेष दिनों पर सूर्य और चंद्र ग्रहण जैसी खगोलीय घटनाएं होती हैं, जिन्हें वैज्ञानिक और धार्मिक दोनों नजरों से बेहद खास माना जाता है। साल 2025 का दूसरा चंद्र ग्रहण भी ऐसी ही एक रोचक और दुर्लभ खगोलीय घटना है, जिस पर वैज्ञानिकों और खगोलशास्त्रियों की नजर टिकी हुई है। इससे पहले 14 मार्च 2025 को साल का पहला चंद्र ग्रहण लग चुका है। अब दूसरा पूर्ण चंद्र ग्रहण 7 सितंबर 2025 को पड़ने वाला है।
कब से कब तक रहेगा ग्रहण?
वैज्ञानिकों के अनुसार, जब सूरज, धरती और चांद एक सीधी रेखा में आ जाते हैं, और धरती की छाया चांद पर पड़ती है, तब चंद्र ग्रहण होता है।
इस बार का चंद्र ग्रहण भाद्रपद माह की पूर्णिमा तिथि को लगेगा।
ग्रहण शुरू होने का समय: 7 सितंबर को रात 9:58 बजे
ग्रहण खत्म होने का समय: 8 सितंबर की रात 1:26 बजे
इस दौरान चंद्रमा पूरी तरह धरती की छाया में होगा, इसलिए यह पूर्ण चंद्र ग्रहण होगा।
कहां-कहां दिखाई देगा यह चंद्र ग्रहण?
यह ग्रहण भारत के अलावा दुनिया के कई हिस्सों में साफ तौर पर देखा जा सकेगा। इसमें शामिल हैं:
एशिया
ऑस्ट्रेलिया
न्यूजीलैंड
अमेरिका के कुछ हिस्से
अफ्रीका और दक्षिण अमेरिका
भारत में यह ग्रहण पूरे प्रभाव के साथ नजर आएगा।
सूतक काल की मान्यता
हिंदू धर्म के अनुसार, ग्रहण के समय कुछ विशेष नियमों का पालन करना जरूरी होता है।
सूतक काल चंद्र ग्रहण से ठीक 9 घंटे पहले शुरू होता है। इस बार सूतक 7 सितंबर को दोपहर 12:58 बजे से शुरू हो जाएगा।
सूतक काल में इन कामों को करने से बचा जाता है।
भोजन पकाना और खाना
मंदिर में पूजा-पाठ
यात्रा करना
गर्भवती महिलाओं को विशेष सावधानी बरतने की सलाह दी जाती है
बच्चों, बुजुर्गों और बीमार लोगों को इस दौरान विशेष छूट दी जाती है।
धार्मिक और वैज्ञानिक दृष्टिकोण
वैज्ञानिकों के लिए यह एक महत्वपूर्ण खगोलीय घटना है, वहीं हिंदू धर्म में भी इसे पवित्र माना जाता है। मान्यता है कि इस दौरान ध्यान, मंत्र जाप और पूजा करने से कई गुना पुण्य फल मिलता है।
ग्रहण खत्म होने के बाद स्नान और पूजा करने की परंपरा भी निभाई जाती है।
7 सितंबर 2025 को लगने वाला यह पूर्ण चंद्र ग्रहण धार्मिक और वैज्ञानिक दोनों ही दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है। अगर आप इसे देखना चाहते हैं, तो समय और दिशा का विशेष ध्यान रखें और सूतक काल के नियमों का पालन करना न भूलें।