World Asthma day 2025 : अस्थमा, जिसे आमतौर पर दमा कहा जाता है, एक पुरानी सांस की बीमारी है। इसमें मरीज की सांस की नलियां यानी एयरवे सूज जाती हैं, सिकुड़ जाती हैं और इनमें ज्यादा बलगम बनने लगता है। इससे मरीज को सांस लेने में परेशानी होती है। ये बीमारी दुनिया भर में करोड़ों लोगों को परेशान करती है। जानिए अस्थमा के लक्षण कैसे होते हैं और इसे किस तरह से मैनेज किया जा सकता है।
अस्थमा के लक्षण
सांस लेने में दिक्कत – खासकर रात को या सुबह के वक्त।
सीटी जैसी आवाज – सांस अंदर या बाहर लेते समय आवाज आना।
छाती में भारीपन – ऐसा लगना जैसे सीने पर कुछ दबाव है।
बार-बार खांसी आना – खासकर ठंडी हवा, धूल, एक्सरसाइज या रात के समय।
जल्दी थक जाना – शरीर को ठीक से ऑक्सीजन न मिलने की वजह से।
अस्थमा को कंट्रोल में कैसे रखें?
अस्थमा का अभी तक कोई पूरा इलाज नहीं है, लेकिन कुछ सावधानियों और सही दवाइयों की मदद से इसे काबू में रखा जा सकता है।
ट्रिगर से बचें
धूल, धुआं, पालतू जानवरों के बाल और तेज गंध से दूरी बनाएं।
घर साफ-सुथरा रखें, भारी पर्दे और कारपेट न रखें।
ठंड के मौसम में बाहर निकलते वक्त मास्क पहनें।
दवाइयों का सही इस्तेमाल
रिलीवर इनहेलर – अचानक अटैक आने पर फौरन राहत देता है।
कंट्रोलर इनहेलर – रोजाना लेने से सूजन कम होती है।
गोली या इंजेक्शन – अगर समस्या ज्यादा हो, तो डॉक्टर स्टेरॉयड जैसी दवाएं दे सकते हैं।
अस्थमा एक्शन प्लान बनाएं
अपने डॉक्टर से मिलकर एक प्लान बनवाएं जिसमें ये चीज़ें शामिल हों
लक्षणों पर नज़र
दवाइयों का सही समय
इमरजेंसी में क्या करें
हल्की एक्सरसाइज करें
योग, वॉकिंग या स्विमिंग जैसी आसान एक्सरसाइज से फेफड़े मजबूत होते हैं। लेकिन एक्सरसाइज शुरू करने से पहले डॉक्टर से सलाह जरूर लें।
हेल्दी लाइफस्टाइल अपनाएं
धूम्रपान और शराब से दूर रहें।
विटामिन-सी और ओमेगा-3 जैसे पोषक तत्वों से भरपूर भोजन करें।
तनाव कम करने के लिए मेडिटेशन और प्राणायाम करें।
इमरजेंसी के लिए तैयार रहें
अगर सांस बहुत तेज चलने लगे, होंठ नीले हो जाएं या इनहेलर से भी आराम न मिले, तो तुरंत नजदीकी अस्पताल जाएं।
अस्थमा एक लंबी चलने वाली बीमारी है, लेकिन सही इलाज और सावधानी से इसे पूरी तरह कंट्रोल किया जा सकता है। लक्षणों पर ध्यान दें, दवाएं समय पर लें और हेल्दी लाइफस्टाइल अपनाएं। इससे आप भी अस्थमा के साथ एक खुशहाल और एक्टिव जिंदगी जी सकते हैं।