Plane Accidents: पिछले एक साल में दुनिया में कई बड़े विमान हादसे हुए, जिन्होंने हवाई यात्रा की सुरक्षा पर सवाल खड़े कर दिए। इनमें तीन हादसे सबसे ज्यादा चर्चा में रहे कनाडा, अमेरिका और कजाकिस्तान में हुए ये दुर्घटनाएँ काफी गंभीर थीं।
कनाडा का डेल्टा एयरलाइंस हादसा (फरवरी 2025)
टोरंटो एयरपोर्ट पर डेल्टा एयरलाइंस का एक विमान लैंडिंग के दौरान बर्फीले रनवे पर फिसलकर पलट गया। इस हादसे में 18 लोग घायल हुए। विमान में 89 लोग सवार थे, जिनमें 76 यात्री और 13 क्रू मेंबर शामिल थे। राहत की बात यह रही कि किसी की जान नहीं गई। जांच में सामने आया कि पायलट ने रनवे पर उतरते समय नियंत्रण खो दिया, जिससे यह हादसा हुआ।
अमेरिका का विमान हादसा (जनवरी 2025)
वाशिंगटन डी.सी. के रोनाल्ड रेगन नेशनल एयरपोर्ट पर एक अमेरिकी एयरलाइंस का विमान लैंडिंग के दौरान सेना के हेलीकॉप्टर से टकरा गया। यह हादसा इतना भयानक था कि इसमें 67 लोगों की जान चली गई। हादसे की वजह लैंडिंग के दौरान हुई गलतफहमी और समन्वय की कमी बताई गई। इस घटना ने अमेरिका में विमान सुरक्षा नियमों को लेकर नई बहस छेड़ दी।
कजाकिस्तान का विमान हादसा (दिसंबर 2024)
अल्माटी शहर में अज़रबैजान एयरलाइंस का एक विमान इमरजेंसी लैंडिंग के दौरान क्रैश हो गया। विमान में 62 यात्री और 5 क्रू मेंबर सवार थे, जिनमें से 38 लोगों की मौत हो गई। हादसे की वजह तकनीकी खराबी बताई गई। इस दुर्घटना के बाद कजाकिस्तान सरकार ने विमान तकनीकी निरीक्षण नियमों को और सख्त कर दिया।
हवाई यात्रा कितनी सुरक्षित
इन तीन बड़े हादसों के बाद हवाई सफर की सुरक्षा को लेकर चिंता बढ़ गई है। विशेषज्ञों का मानना है कि पायलटों की बेहतर ट्रेनिंग, एयर ट्रैफिक कंट्रोल सिस्टम में सुधार और विमानों की समय-समय पर सही जांच बेहद जरूरी है। इसके अलावा, खराब मौसम की स्थिति में उड़ानों को नियंत्रित करने के लिए नई तकनीकों को अपनाने की भी जरूरत है।
अब क्या किया जाना चाहिए
हवाई यात्रा आज भी सबसे तेज़ और सुविधाजनक मानी जाती है, लेकिन इन हादसों ने साफ कर दिया कि थोड़ी सी लापरवाही भी कितनी भारी पड़ सकती है। एयरलाइंस, पायलट और सरकार सभी को मिलकर यह सुनिश्चित करना होगा कि यात्रियों की सुरक्षा में कोई कमी न रहे विशेषज्ञों का कहना है कि सुरक्षा मानकों को और मजबूत करना बेहद जरूरी है ताकि भविष्य में ऐसे हादसे टाले जा सकें