Bijapur Naxalite Encounter: त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव से ठीक पहले छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले के नेशनल पार्क इलाके में सुरक्षा बलों और नक्सलियों के बीच बड़ी मुठभेड़ हुई है। इस मुठभेड़ में बस्तर पुलिस के मुताबिक, कम से कम 12 नक्सलियों को ढेर कर दिया गया है। यह मुठभेड़ सुबह से ही जारी थी और सुरक्षा बलों ने इस ऑपरेशन को एक बड़ी सर्च अभियान का हिस्सा बताया है। मुठभेड़ में शामिल सुरक्षा बलों में डिस्ट्रिक्ट रिजर्व गार्ड (डीआरजी), स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ), और बस्तर फाइटर्स की टीमें शामिल थीं। फिलहाल, सर्च ऑपरेशन जारी है, जिसमें अन्य नक्सलियों की धरपकड़ की कोशिश की जा रही है।
नक्सलियों के खिलाफ सुरक्षा बलों की बड़ी कार्रवाई
Bijapur जिले के नेशनल पार्क क्षेत्र में महाराष्ट्र की सीमा के पास यह मुठभेड़ हुई। खबरों के मुताबिक, इस इलाके में नक्सलियों की गतिविधियाँ चुनावों के दौरान बढ़ सकती हैं, जिससे यह मुठभेड़ विशेष महत्व रखती है। सुरक्षा बलों ने सटीक सूचना मिलने के बाद नक्सलियों की तलाश के लिए यह ऑपरेशन शुरू किया था। ऑपरेशन के दौरान, नक्सलियों ने सुरक्षा बलों पर गोलीबारी की, जिसके बाद यह मुठभेड़ शुरू हो गई। बस्तर पुलिस ने इस कार्रवाई में 12 नक्सलियों के मारे जाने की पुष्टि की है।
सुरक्षा बलों का जवाबी ऑपरेशन
मुठभेड़ के बाद, Bijapur पुलिस ने क्षेत्र में सर्च ऑपरेशन जारी रखा है। पुलिस का कहना है कि यह कार्रवाई नक्सलियों की उपस्थिति को खत्म करने और उनके नेटवर्क को नष्ट करने के उद्देश्य से की जा रही है। ऑपरेशन में शामिल सुरक्षा बलों ने इलाके के कई हिस्सों में गहन तलाशी ली, और कई संदिग्ध स्थानों पर छापेमारी की। सूत्रों के मुताबिक, मुठभेड़ के दौरान और इसके बाद भी सुरक्षा बलों ने नक्सलियों के कई ठिकानों का पता लगाया है।
चुनावों से पहले सुरक्षा बढ़ाई जाएगी
यह Bijapur मुठभेड़ त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव से ठीक पहले हुई है, जिससे चुनावी क्षेत्र में नक्सलियों की गतिविधियों पर असर पड़ सकता है। ऐसे में, सुरक्षा बलों के द्वारा बढ़ी हुई तैनाती और सर्च ऑपरेशन से न केवल नक्सलियों की संख्या कम करने का प्रयास किया जा रहा है, बल्कि चुनाव के दौरान शांति बनाए रखने की भी कोशिश की जा रही है। बीजापुर जिले के पुलिस अधिकारियों का कहना है कि आगे भी सर्च ऑपरेशन जारी रहेगा ताकि नक्सलियों के खिलाफ कार्रवाई को और तेज किया जा सके।
यह मुठभेड़ नक्सलवाद से निपटने के लिए सुरक्षा बलों की रणनीति का हिस्सा है। इन कार्रवाइयों से न केवल नक्सलियों के मनोबल को तोड़ा जाता है, बल्कि उनके प्रभाव को भी खत्म करने की कोशिश की जाती है। इस मुठभेड़ से यह स्पष्ट होता है कि सुरक्षा बलों की नक्सलियों के खिलाफ कार्रवाई अब और भी तेज हो चुकी है।