Aparajita Sarangi Gifted Priyanka Gandhi 1984 bag: कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी की बैग सियासत इन दिनों संसद में सुर्खियों में है। पहले ‘फिलिस्तीन’ लिखा बैग और फिर ‘बांग्लादेश’ में अल्पसंख्यकों की स्थिति पर संदेश देने वाले बैग के बाद अब एक नया मोड़ आया है। शुक्रवार को बीजेपी सांसद अपराजिता सारंगी ने प्रियंका गांधी को एक नया बैग तोहफे में दिया, जिसमें ‘1984’ लिखा हुआ था। यह बैग खास तौर पर उन घटनाओं की ओर इशारा करता है, जो 1984 के सिख विरोधी दंगों से जुड़ी हुई हैं। प्रियंका गांधी ने इस बैग को हंसी-खुशी स्वीकार किया, जिससे यह राजनीतिक बयानबाजी एक और गर्मा गई है।
Priyanka Gandhi की बैग सियासत पर अब राजनीति तेज हो गई है। पहले प्रियंका गांधी ने अपने ‘फिलिस्तीन’ बैग के साथ संसद में एंट्री की थी, जिसे लेकर बीजेपी नेताओं ने जमकर आलोचना की थी। इसके बाद, उन्होंने एक और बैग अपनाया जिसमें ‘बांग्लादेश’ में अल्पसंख्यकों के उत्पीड़न पर जोर दिया। उनका यह कदम भी विपक्षी नेताओं द्वारा समर्थन प्राप्त हुआ।
BJP trolling Priyanka 🔥
BJP MP Aparajita Sarangi brings a tote bag with 1984 inscribed on it as a 'gift' for Priyanka Gandhi.
Will @priyankagandhi accept the gift?pic.twitter.com/1uHIJWe9Ip
— Ankur Singh (@iAnkurSingh) December 20, 2024
अब शुक्रवार को प्रियंका गांधी को तोहफे में जो बैग दिया गया, वह ‘1984’ के दंगों को लेकर था। यह बैग विशेष रूप से उस साल हुए सिख विरोधी हिंसा को याद करने के लिए था, जिसमें हजारों सिखों की जान गई थी और उनकी संपत्ति को नुकसान पहुंचाया गया था। इस बैग के संदेश ने संसद में एक नई बहस को जन्म दिया है।
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Priyanka Gandhi ने इस बैग को मुस्कुराते हुए स्वीकार किया, जो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। उनकी इस प्रतिक्रिया को लेकर एक ओर राजनीतिक हलचल पैदा हो गई है। यह गिफ्ट प्रियंका गांधी के लिए एक गंभीर और भावनात्मक संदेश था, जो 1984 के बाद के दर्द और संघर्षों को याद दिलाता है।
पार्टी लाइन से हटकर यह बैग सौगात एक संकेत है कि प्रियंका गांधी और कांग्रेस पार्टी की ओर से 1984 के सिख विरोधी दंगों को लेकर माफी की मांग को फिर से उठाया जाएगा। खासकर ऐसे समय में जब विपक्ष और बीजेपी के बीच आरोप-प्रत्यारोप का माहौल गर्म है। बीजेपी नेताओं ने इसे राजनीतिक रूप से लाभप्रद कदम करार दिया है, जबकि कांग्रेस ने इसे अपनी पार्टी की विचारधारा और एकजुटता के प्रतीक के रूप में देखा है।
कुल मिलाकर, यह बैग न केवलPriyanka Gandhi के व्यक्तित्व को और भी बहस के केंद्र में लाता है, बल्कि यह भारतीय राजनीति में ‘1984’ के मुद्दे को फिर से गरम करता है, जो अभी भी समाज में एक गहरे आघात के रूप में मौजूद है।