BPSC Exam: बिहार लोक सेवा आयोग (BPSC) पेपर लीक मामला अब तूल पकड़ता जा रहा है। आज पटना के गांधी मैदान में छात्र जुटे हैं और लगातार विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। इस बीच जन सुराज के नेता प्रशांत किशोर भी छात्रों के विरोध प्रदर्शन में शामिल हो गए हैं। आपको बता दें कि छात्र सीएम आवास का घेराव करने जा रहे हैं। छात्र लगातार सीएम नीतीश कुमार से मिलने की मांग कर रहे हैं। इससे पहले पटना जिला प्रशासन ने आयोग के अधिकारियों से बात करने की पेशकश की थी, लेकिन छात्रों ने इसे ठुकरा दिया।
छात्रों के साथ प्रशांत किशोर रहे मौजूद
अब पटना के गांधी मैदान में हजारों की संख्या में छात्र जुटे हैं और सीएम आवास की ओर बढ़ रहे हैं। छात्रों को रोकने के लिए भारी पुलिस बल तैनात किया गया है और जगह-जगह बैरिकेडिंग भी की गई है। इस बीच छात्रों ने गांधी मैदान के पास जेपी गोलंबर से पहले बैरिकेडिंग तोड़ दी और अब आगे बढ़ रहे हैं। वहीं, इससे 100 मीटर आगे होटल मौर्या के पास एक और बैरिकेडिंग बनाई गई है, जहां छात्रों को रोका गया है। यहां जन सुराज के नेता प्रशांत किशोर भी मौजूद हैं।
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मुख्य सचिव छात्रों से करेंगे मुलाकात
इस दौरान जन सुराज प्रमुख प्रशांत किशोर ने कहा कि, “सरकार के प्रशासनिक अधिकारी यहां मौजूद थे, उन्होंने हमारे साथियों से बात की है और आश्वासन दिया है कि सरकार अभ्यर्थियों की मांगों पर चर्चा के लिए तैयार है। सरकार का कहना है कि छात्रों की 5 सदस्यीय कमेटी अब मुख्य सचिव से बात करेगी, ताकि उनकी समस्याओं और मांगों पर कोई निर्णय लिया जा सके। अगर मुख्य सचिव से बात करने के बाद भी BPSC अभ्यर्थी संतुष्ट नहीं होते हैं, तो कल सुबह सभी लोग एक साथ बैठेंगे। मैं छात्रों से अनुरोध करूंगा कि अभी ऐसा कुछ न करें जो विधि सम्मत न हो। अगर निर्णय छात्रों के पक्ष में नहीं होता है, छात्रों के साथ कोई अन्याय होता है, तो हम पूरी ताकत से उनके साथ खड़े रहेंगे।”
जिलाधिकारी चंद्रशेखर सिंह ने दिया आश्वासन
पटना के जिलाधिकारी चंद्रशेखर सिंह ने शनिवार को कहा कि प्रदर्शनकारियों को वार्ता के लिए अपने पांच प्रतिनिधियों को नामित करना होगा, जिसके बाद BPSC “उचित समय के भीतर” (बैठक के लिए) निर्णय लेगा। उन्होंने कहा, “जिला प्रशासन ने प्रदर्शनकारी अभ्यर्थियों से अपने प्रतिनिधियों (सभी अभ्यर्थियों) की सूची मांगी है, ताकि हम इस मुद्दे पर BPSC अधिकारियों के साथ बैठक की व्यवस्था कर सकें।” उन्होंने कहा कि, “वे बैठक में आयोग के अधिकारियों को अपनी शिकायतों से अवगत करा सकते हैं। जिला प्रशासन भी प्रदर्शनकारी अभ्यर्थियों को आश्वस्त करता है कि आयोग उचित समय के भीतर उचित निर्णय लेगा।” सिंह ने कहा कि आयोग एक स्वतंत्र संस्था है और वह अपने निर्णय लेने के लिए स्वतंत्र है।
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