BSF constable Arrest: 23 अप्रैल 2025 को पंजाब के फिरोजपुर सेक्टर में एक संवेदनशील घटना के चलते भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव एक बार फिर से सतह पर आ गया। बीएसएफ की 182वीं बटालियन के कांस्टेबल पीके सिंह, जो अपनी सेवा राइफल के साथ नियमित गश्त पर थे, अनजाने में अंतर्राष्ट्रीय सीमा पार कर गए। अत्यधिक गर्मी से बचने के लिए वह एक पेड़ की छाया की ओर बढ़े, जहां उन्हें पाकिस्तानी रेंजर्स ने हिरासत में ले लिया। सिंह की आंखों पर पट्टी बांधी तस्वीर और उनके साथ एके-47 राइफल की तस्वीर पाकिस्तानी मीडिया द्वारा जारी की गई, जिससे मामले की संवेदनशीलता और बढ़ गई। भारत में इस घटनाक्रम को लेकर आक्रोश है और सिंह की तत्काल रिहाई की मांग उठ रही है।
अंतर्राष्ट्रीय सीमा पर आकस्मिक क्रॉसिंग बनी तनाव की वजह
BSF के अनुसार कांस्टेबल सिंह शून्य रेखा के समीप किसानों की सुरक्षा के लिए गश्त पर थे। उसी दौरान गर्मी से राहत पाने के लिए जब वह एक पेड़ की छांव में गए, तो अनजाने में पाकिस्तान सीमा में दाखिल हो गए। इससे पहले भी ऐसे कई मामले सामने आए हैं जहां गलती से सीमा पार कर गए नागरिकों या जवानों को आपसी सहमति से लौटा दिया गया है। बीएसएफ ने 2022 के एक मामले का उदाहरण दिया, जिसमें घने कोहरे के कारण एक जवान पाकिस्तान चला गया था और फ्लैग मीटिंग के जरिए कुछ ही घंटों में उसे वापस सौंप दिया गया।
पाक रेंजर्स की अनिच्छा से बातचीत में अड़चन
सूत्रों के अनुसार, फिरोजपुर के हुसैनीवाला पोस्ट पर फ्लैग मीटिंग आयोजित करने के लिए पाकिस्तान रेंजर्स की अनिच्छा स्थिति को और जटिल बना रही है। BSF ने अपने पाकिस्तानी समकक्षों से लगातार संपर्क बनाए रखा है, लेकिन अब तक सिंह की रिहाई को लेकर कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं की गई है। इस बीच, पाकिस्तानी मीडिया द्वारा कांस्टेबल सिंह की तस्वीरें जारी किए जाने से भारत में आक्रोश की लहर दौड़ गई है और उनकी हिरासत की स्थिति पर सवाल उठाए जा रहे हैं।
भारत-पाक संबंधों पर असर और आगे की राह
यह घटना उस समय हुई है जब भारत हालिया पहलगाम आतंकी हमले को लेकर पहले से ही पाकिस्तान पर सीमा पार आतंकवाद का आरोप लगा रहा है। इससे दोनों देशों के बीच राजनयिक संबंधों में खटास और बढ़ गई है। BSF अधिकारियों का कहना है कि सिंह की वापसी को लेकर वे आशान्वित हैं, लेकिन पाकिस्तान रेंजर्स की उदासीनता चिंता का विषय है। फिलहाल पंजाब सीमा पर हाई अलर्ट जारी है और सभी निगाहें चल रही फ्लैग मीटिंग और संभावित समाधान पर टिकी हैं।