Income tax changes and RBI interest rate cuts : वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने हाल ही में बजट 2025-26 में आयकर को लेकर एक बड़ा ऐलान किया था। उन्होंने 12 लाख रुपये तक की आय पर इनकम टैक्स खत्म करने का फैसला लिया। इसके अलावा, सीनियर सिटीजन के लिए टीडीएस की लिमिट को भी बढ़ाकर 1 लाख रुपये कर दिया गया है। ये फैसले मिडिल क्लास और सीनियर सिटीजन के लिए बड़ी राहत लेकर आए हैं, और बजट का पूरे देश में स्वागत किया गया।
आरबीआई की बैठक से क्या उम्मीदें हैं
अब, वित्त मंत्री के इस फैसले को एक्सपर्ट्स ने बस ‘ट्रेलर’ करार दिया है, और कह रहे हैं कि ‘पिक्चर अभी बाकी है मेरे दोस्त।’ उनका मानना है कि 7 फरवरी को भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की होने वाली बैठक में ब्याज दरों में कटौती की संभावना है। इस कटौती का फायदा आम आदमी और मिडिल क्लास को मिल सकता है। अगर ब्याज दरों में कटौती होती है तो इससे कंजम्पशन यानी खरीदारी की क्षमता बढ़ेगी और इससे अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी।
अगर ब्याज दरें घटती हैं, तो लोन की EMI कम होगी, जिससे मिडिल क्लास की जेब पर कम असर पड़ेगा। इसके साथ ही, कंजम्पशन बढ़ने से ग्रोथ को भी बढ़ावा मिलेगा। यही नहीं, ब्याज दरों में कटौती से मिडिल क्लास के लिए बचत भी आसान होगी। लोग अपने लोन का बोझ कम कर सकते हैं और बैंक एफडी या सरकारी योजनाओं में निवेश करके अच्छा रिटर्न पा सकते हैं।
आरबीआई का फोकस और उम्मीदें
7 फरवरी को होने वाली RBI की बैठक में भारतीय रिजर्व बैंक का ध्यान मुख्य तौर पर GDP ग्रोथ और क्रेडिट फ्लो पर होगा। कई एक्सपर्ट्स का कहना है कि RBI इस बार ब्याज दरों में 25 बेसिस पॉइंट की कटौती कर सकती है। यह कटौती मिडिल क्लास को राहत देने और अर्थव्यवस्था की गति को बढ़ाने के लिए हो सकती है।
गौरतलब है कि पिछले एक साल में, यानी फरवरी 2023 से अब तक, RBI ने ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं किया था। इस दौरान 11 मोनेटरी पॉलिसी की बैठक हो चुकी हैं, और ब्याज दरों में कोई हेरफेर नहीं हुआ था। हालांकि, अब आरबीआई इस बार राहत देने के बारे में सोच रही है। वर्तमान में रेपो रेट 6.5 फीसदी पर स्थिर है, जिसे महंगाई कंट्रोल करने के लिए रखा गया था।
क्या है रिजर्व बैंक का लक्ष्य
आरबीआई का मुख्य लक्ष्य 7 फीसदी GDP ग्रोथ बनाए रखना है, और इसके साथ ही क्रेडिट फ्लो यानी बैंकों द्वारा दिए जाने वाले लोन की गति को सुधारना है। अगर ब्याज दरों में कटौती होती है तो इसका सीधा असर मिडिल क्लास पर पड़ेगा, क्योंकि इससे लोन की किश्तें कम होंगी और इससे उनकी जेब पर कम दबाव पड़ेगा। इसके अलावा, इससे निवेशकों को भी अच्छा रिटर्न मिल सकता है।
निवेशकों के लिए क्या खबर है
ब्याज दरों में कटौती से मिडिल क्लास और निवेशकों को राहत मिलेगी। वे अपनी बचत को बेहतर तरीके से निवेश कर पाएंगे, और भविष्य में आर्थिक स्थिति भी मजबूत होगी। इसके साथ ही, ज्यादा कंजम्पशन यानी खर्च बढ़ने से अर्थव्यवस्था को भी गति मिलेगी।
आर्थिक विशेषज्ञों का मानना है कि 7 फरवरी को RBI की बैठक के बाद आम लोगों और मिडिल क्लास को कुछ राहत मिल सकती है। इस कदम से देश की अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी, और लोगों की जेब पर दबाव भी कम होगा। अब देखना यह है कि क्या आरबीआई इस बैठक में ब्याज दरों में कटौती कर पाती है, जिससे पूरा देश लाभ उठा सके।