नई दिल्ली ऑनलाइन डेस्क। दिल्ली विधानसभा चुनाव की वोटिंग से ठीक पहले आप संयोजक अरविंद केजरीवाल पर हरियाणा के कुरुक्षेत्र के शाहाबाद थाने में बीएनएस की विभिन्न धाराओं के तहत एफआईआर दर्ज की गई है। यह केसयमुना नदी के पानी को लेकर उनके बयान और हरियाणा सरकार पर उनके आरोपों के संबंध में है। जानकार बताते हैं कि हरियाणा पुलिस अरविंद केजरीवाल को नोटिस जारी कर पूछताछ के लिए तलब कर सकती है।
मनचंदा नाम के शख्स ने यह FIR दर्ज करवाई
दरअसल, अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली विधानसभा चुनाव प्रचार के दौरान बड़ा बयान दिया था। उन्होंने हरियाणा सरकार पर आरोप लगाते कहा था कि, यमुना के पानी में अमोनिया के स्तर को एक सुनियोजित तरीके से बढ़ाकर लोगों को जहर देने की तैयारी हो रही है। जिसके बाद एडवोकेट जगमोहन मनचंदा नाम के शख्स ने यह एफआईआर दर्ज करवाई है। जगमोहन मनचंदा ने इस बयान को दलगत राजनीति बताते हुए अदालत में केजरीवाल के खिलाफ शिकायत की थी। जिसके बाद केजरीवाल के खिलाफ बीएनएस की धारा 192, 196(1), 197(1), 248(a), 299 के तहत केस दर्ज किया गया है।
पानी में हरियाणा सरकार ने जहर मिला दिया
दरअसल, अरविंद केजरीवाल ने कहा था कि यमुना के पानी में हरियाणा सरकार ने जहर मिला दिया है। भला हो दिल्ली सरकार के इंजीनियरों का, जिन्होंने यमुना में अमोनिया की मात्रा पकड़ लिया। इससे दिल्ली बड़े पैमाने पर जेनोसाइड किलिंग से बच गया। पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने आरोप लगाया था कि हरयिणा सरकार यमुना में अमोनयि नामक जहर छोड़ रही है। इससे दल्लि के लोगों की सेहत पर खतरा है। हरियाणा सरकार आरोप लगाने के मामले में अरविंद केजरीवाल पर केस दर्ज हुआ है। हरियाणा सरकार भी कानूनी कार्रवाई करने जा रही है।
हरियाणा सरकार ने मोर्चा खोल दिया
इस बयान को लेकर बीजेपी और हरियाणा सरकार दोनों ने मोर्चा खोल दिया और चुनाव आयोग से भी शिकायत कर दी। इसके बाद इस मुद्दे पर आम आदमी पार्टी का एक प्रतिनिधिमंडल चुनाव आयोग से भी मिला था। बाद में बीजेपी और कांग्रेस के नेता भी चुनाव आयोग पहुंच गए। दोनों विपक्षी पार्टियों ने मांग की कि केजरीवाल के आरोप की जांच की जाए। साथ ही अगर कोई पार्टी गलतबयानी कर रही है तो उसपर कार्रवाई की जाए। इसके कुछ ही देर बाद आयोग ने अरविंद केजरीवाल से जवाब मांग लिया गया था।
कानूनी पक्ष के साथ प्रमाण देने का समय दिया था
चुनाव आयोग ने अपने पत्र में लिखा है कि अरविंद केजरीवाल ने यह आरोप लगाया था कि हरियाणा सरकार ने जानबूझकर यमुना नदी में जहर घोला था, जिससे दिल्ली में नरसंहार की स्थिति उत्पन्न हो सकती थी। आयोग ने आपको 29 जनवरी तक इस बयान के बारे में तथ्यों और कानूनी पक्ष के साथ प्रमाण देने का समय दिया था। आयोग को जो जवाब के रूप में एक पत्र प्राप्त हुआ, उसमें कोई स्पष्टता नहीं दी गई थी। वहीं हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने भी आम आदमी पार्टी प्रमुख अरविंद केजरीवाल पर ’यमुना में जहर’ मिलाने संबंधी उनके बयान को लेकर निशाना साधा। साथ ही उन पर अपने फायदे के लिए झूठ बोलने का आरोप लगाया।