नई दिल्ली ऑनलाइन डेस्क। छत्तीसगढ़ के पूर्व सीएम भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य बघेल को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने शराब घोटाले के आरोप में गिरफ्तार कर लिया। ईडी की टीम शुक्रवार को चैतन्य के घर पर रेड की और उन्हें अपने साथ लेकर चली गई। जिस पर भूपेश बघेल ने ट्वीट कर इस छापेमारी की जानकारी दी। पूर्व सीएम ने बीजेपी पर सनसनीखेज आरोप लगाए और इसे बदले की कार्रवाई बताया।
छत्तीसगढ़ में ईडी ने शुक्रवार को बडऋी कार्रवाई करते हुए प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य बघेल को अरेस्ट कर लिया। चैतन्य की गिरफ्तारी कथित शराब घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में की गई है। ईडी ने भूपेश बघेल के बेटे घर से पकड़ा और उन्हें रायपुर कोर्ट में पेश किया है।गिरफ्तारी के बाद कांग्रेस के सभी विधायक नेता प्रतिपक्ष चरण दास महंत, भूपेश बघेल रायपुर जिला कोर्ट पहुंचे।
बेटे की गिरफ्तारी के बाद भूपेश बघेल ने सोशल मीडिया एक्स पर लिखा, आज ‘ईडी’ आ गई। आज विधानसभा सत्र का अंतिम दिन है। अडानी के लिए तमनार में काटे जा रहे पेड़ों का मुद्दा आज उठाना था। भिलाई निवास में ‘साहेब’ ने ‘ईडी’ भेज दी है। भूपेश बघेल ने आगे लिखा, ‘जन्मदिन का जैसा तोहफ़ा मोदी और शाह जी देते हैं वैसा दुनिया के किसी लोकतंत्र में और कोई नहीं दे सकता। मेरे जन्मदिन पर दोनों परम आदरणीय नेताओं ने मेरे सलाहकार और दो ओएसडी के घरों पर ईडी भेजी थी।
पूर्व सीएम भूपेश बघेल ने आगे लिखा आज मेरे बेटे चैतन्य बघेल का जन्मदिन है। अब मेरे बेटे चैतन्य के जन्मदिन पर मेरे घर पर ईडी की टीम छापामारी कर रही है। इन तोहफों का धन्यवाद। ताउम्र याद रहेगा। भूपेश बघेल के एक्स पर पोस्ट के बाद कांग्रेस के नेता भी एक्टिव हुए और पूर्व सीएम से मुलाकात भी की। कांग्रेस के नेताओं का कहना है कि ईडी बीजेपी के इशारे पर काम कर रही है। विपक्ष के नेताओं की आवाज दबाने का काम कर रही है। चैतन्य की गिरफ्तारी सरासर गलत है। कांग्रेस आंदोलन करेगी।
क्या है शराब घोटाला
ईडी ने आरोप लगाया है कि सरकारी अधिकारियों, नेताओं और शराब कारोबारियों ने एक योजना चलाई, जिसके तहत 2019 से 2022 के बीच राज्य में शराब की बिक्री से लगभग 2,161 करोड़ की अवैध वसूली की गई। कथित घोटाले में शराब सप्लाई चैन में हेराफेरी शामिल थी, जहां इन लोगों ने सरकारी दुकानों के माध्यम से शराब की बिक्री और वितरण को नियंत्रित किया। एजेंसी इससे पहले छत्तीसगढ़ की पिछली कांग्रेस सरकार से जुड़े नेताओं और नौकरशाहों सहित कई ठिकानों पर छापेमारी कर चुकी है।
205 करोड़ की संपत्ति कर चुकी है अटैच
ईडी ने जांच में ये भी पाया है कि तत्कालीन आबकारी मंत्री कवासी लखमा को इस घोटाले से हर महीने मोटी नकद रकम दी जाती थी। वहीं, शराब बनाने वाली कंपनियों से रिश्वत केस में ली जाती थी। ये शराब छत्तीसगढ़ राज्य विपणन निगम की ओर से खरीदी गई थी। जांच में ये भी मिल है कि बिना किसी रिकॉर्ड के कच्ची शराब की बिक्री होती थी, जिसका पैसा सरकार के पास न जाकर सीधे सिंडिकेट के जेब में गया है। ईडी इस मामले में अब तक लगभग 205 करोड़ रुपए की संपत्तियों को अटैच कर चुकी है।