नई दिल्ली ऑनलाइन डेस्क। छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव के दौरान पीएम नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह ने ऐलान किया था कि प्रदेश में बीजेपी की सरकार बनी तो यहां से माओवाद का खात्मा कर देंगे। जनता ने ‘कमल का फूल’ खिला दिया और सूबे की बागडोर विष्णुदेव साय के हाथों में आ गई। जिसके बाद विकास के साथ ही लाल आतंक के खिलाफ ऑपरेशन सांय-सांय का शंखनाद हुआ। सुरक्षाबल के जवान लाव-लश्कर के साथ नक्सलियों के ठिकानों पर धावा बोलना शुरू कर दिया। फिर क्या था ‘विष्णुदेव’ सरकार के शासनकाल के दौरान 300 सौ से अधिक नस्कली मुठभेड़ के ढेर कर दिए गए। अब हालात ऐसे बन गए हैं कि तय की डेड लाइन मार्च 2026 से पहले ही प्रदेश नक्सलमुक्त घोषित हो सकता है।
साबित हो रहा मौत का बवंडर
साल 2024 में नक्सलवाद के खिलाफ छत्तीसगढ़ की विष्णुदेव सरकार ने बड़ा ऑपरेशन चलाया। जिसमें सुरक्षाबलों ने लाल आतंक के खात्में की बुनियाद रखी। जिसके बाद 2025 आया जो नक्सलियों के लिए मौत का बवंडर साबित हो रहा है। फोर्स के दबाव में नक्सली लगातार अपना ठिकाना बदल रहे हैं और मुठभेड़ में मारे जा रहे हैं। बीजापुर जिले के नेशनल पार्क एरिया में जवानों और नक्सलियों के बीच रविवार को भीषण मुठभेड़ में 31 नक्सली मारे गए हैं। नक्सलियों के जमावड़े की सूचना पर ऑपरेशन लॉन्च किया गया था, जिसमें डीआरजी, एसटीएफ और बस्तर फाइटर के जवान शामिल थे। इस ऑपरेशन में करीब 650 जवानों ने हिस्सा लिया और 4 दिन में पूरे जंगल को खंगाल दिया गया। सुरक्षाबलों के साथ मुठभेड़ में 31 नक्सली ढेर मारे गए। रिपोर्ट के मुताबिक मारे गए नक्सलियों में कई बड़े नाम भी शामिल हैं।
750 से अधिक ने किया सरेंडर
बता दें, छत्तीसगढ़ का बस्तर संभाग 2024 से पहले नक्सलियों की राजधानी हुआ करती थी। बीजेपी सरकार आने के बाद नक्सलियों के गढ़ बस्तर संभाग को 2026 तक नक्सलवाद मुक्त कराने जवानों ने अभियान चला रखा है। लगातार नक्सलियों का एनकाउंटर हो रहा है। इससे नक्सलियों के पैर उखड़ रहे हैं। नक्सल मोर्चे पर फोर्स को एक के बाद एक बड़ी कामयाबी मिल रही है। प्रदेश में बीजेपी सरकार में अब तक 300 नक्सली मारे गए हैं। 750 नक्सलियों ने सरेंडर किया है। एक हजार से अधिक नक्सली गिरफ्तार किए गए हैं। जिस स्पीड से नक्सली मारे जा रहे हैं और सरेंडर कर रहे हैं उससे गृहमंत्री अमित शाह का टारगेट टाइम से पहले भी पूरा हो सकता है। उन्होंने 31 मार्च 2026 को नक्सलमुक्त करने का लक्ष्य तय किया है।
2024 में 220 नक्सली मारे गए
बस्तर पुलिस के मुताबिक साल 2025 में नक्सल मोर्चे पर अब तक अलग-अलग मुठभेड़ में बस्तर सहित पूरे राज्य में 80 नक्सली मारे जा चुके हैं। इनमें से 64 नक्सली बीजापुर समेत सात जिलों वाले बस्तर संभाग में मारे गए हैं। विगत 32 दिनों में कुल 25 हार्डकोर माओवादियों के शव बरामद किये गए हैं। 20 और 21 जनवरी को गरियाबंद एनकाउंटर में कुल 16 नक्सली मारे गए। साल 2024 में कुल 220 नक्सलियों को मार गिराने में फोर्स को सफलता मिली थी। पुलिस के आलाधिकारी बताते हैं कि सुरक्षाबलों के खौफ से नक्सली अब दूसरे प्रदेशो में भाग रहे हैं। बड़े कमांडर म्याद में छिपे हैं। जिन्हें जल्द से जल्द खत्म कर दिया जाएगा। प्रदेश सरकार नक्सलियों को सरेंडर का ऑफर भी दिए हुए है।
2024 के बड़े एनकाउंटर
चार अक्टूबर को दंतेवाड़ा के थुलथुली में 38 नक्सली ढेर
16 अप्रैल को कांकेर के छोटेबेठिया में 29 नक्सली मारे गए
दो अप्रैल को ढेर बीजापुर के कोराचोली में 13 नक्सली मारे गए
10 मई को बीजापुर के पीड़िया में 12 नक्सली मारे गए मारे गए
30 अप्रैल को ढेर नारायणपुर के टेकामेटा में 10 नक्सली मारे गए
22 अप्रैल को सुकमा के भेज्जी में 10 नक्सली मारे गए मारे गए
तीस सितंबर को दंतेवाड़ा के पुरंगेल में 9 नक्सली ढेर
15 जून को नारायणपुर जिले में 8 नक्सलियों ढेर
3 सितंबर को दंतेवाड़ा-बीजापुर सीमा पर 9 माओवादी ढे
4 अक्टूबर को अबूझमाड़ के जंगल में 35 नक्सली ढेर किए गए।
22 नवंबर 2024 को सुकमा जिले 10 नक्सली ढेर किए गए।
2025 में मारे गए नक्सली
तीन जनवरी को गरियाबंद में 3 नक्सली ढेर।
दो जनवरी को बीजापुर में 5 नक्सली मारे गए
पांच जनवरी को अबूझमाड़ में 5 नक्सली ढेर
16 जनवरी को बीजापुर-सुकमा में 18 नक्सली ढेर
20 जनवरी को गरियाबंद में 16 नक्सली ढेर
एक फरवरी को बीजापुर के कोरचोली 8 नक्सली ढेर
दो फरवरी को कांकेर के पानीडोबिर एक नक्सली मारा गया
नौ फरवरी को बीजापुर में 31 नक्सली मारे गए
9.24 करोड़ रुपये के इनामी नक्सली ढेर
बता दें, साल 2024 में 9.24 करोड़ रुपये के इनामी नक्सली मारे गए। पिछले साल सुरक्षाबलों औप नक्सलियों के बीच करीब 124 बार आमना-सामना हुआ। अलग-अलग एनकाउंटर में फोर्स ने 9 करोड़ 24 लाख रुपये के इनामी बड़े नक्सलियों को मार गिराया था। मारे गए नक्सलियों में 25-25 लाख रुपये के इनामी नक्सली रुपेश, नीति और रणधीर भी शामिल रहे। फिलहाल सुरक्षाबलों की रडार पर 1 करोड़ का इनामिया नक्सली कमांडर हिडमा है। सुरक्षाबलों ने आजादी के बाद पहली बार हिडमा के गांव में तिरंगा फहराया और एक कैंप स्थापित किया है।
नक्सलवाद से मिल जाएगी मुक्ति
नक्सलियों के खिलाफ लगातार सुरक्षाबलों के ऑपरेशन की वजह से अब नक्सली छत्तीसगढ़-महाराष्ट्र सीमा पर अबूझमाड़ में सक्रिय होते जा रहे हैं। हालांकि, कुछ बड़े नक्सली नेता गरियाबंद और ओडिशा सीमा में नया ठिकाना बना रहे हैं। ठीक ऐसे ही अन्य राज्यों की सीमाओं में भी शरण लेने की कोशिश में लगे हैं, लेकिन सुरक्षाबलों की सक्रियता के कारण ठिकाना जमाने से पहले ही नक्सली ढेर हो जा रहे हैं। माना जा रहा है कि साल 2026 तक छत्तीसगढ़ नक्सल मुक्त हो जाएगा। सीएम विष्णुदेव साय ने कहा है कि प्रदेश में अब माओवाद अंतिम सांसे ले रहा है। हम 2026 तक राज्य को नक्सलमुक्त बना देंगे।
तीन स्तरीय रणनीति पर कार्य
माओवाद को खत्म करने के लिए तीन स्तरीय रणनीति अपनाई गई है। पहला, सुरक्षाबलों ने रक्षात्मक रवैये को छोड़कर आक्रामक रुख अपनाया है। दूसरा, केंद्र और राज्य की एजेंसियों के बीच बेहतर तालमेल बनाया गया है। तीसरा, माओवाद प्रभावित गांवों में विकास कार्यों को बढ़ावा दिया जा रहा है। ताकि स्थानीय लोगों को सरकार की योजनाओं का लाभ मिल सके। जिसे माओवादी चालाकी से रोकते थे। इस रणनीति के कारण पिछले एक से डेढ़ सालों में माओवाद प्रभावित क्षेत्रों में कमी आई है।
नक्सलियों की फंडिग पर ब्रेक
सुरक्षाबल अब माओवादियों के गढ़ में घुसकर कार्रवाई कर रहे हैं। वे लोकेशन, मोबाइल और सोशल मीडिया की मदद से माओवादियों पर नज़र रख रहे हैं। कॉल लॉग और फोरेंसिक जैसे वैज्ञानिक तरीके भी इस्तेमाल किए जा रहे हैं। माओवादियों से जब्त 98 करोड़ रुपये से उनके फंडिंग चैनल बंद हो गए हैं। एक अधिकारी ने कहा, ’बड़े पैमाने पर, माओवादी छत्तीसगढ़ और महाराष्ट्र के सीमावर्ती क्षेत्रों में फैले पांच से छह जिलों तक ही सीमित हैं। इन क्षेत्रों को पुनः प्राप्त करने और मार्च 2026 तक वामपंथी उग्रवाद को खत्म करने का लक्ष्य है।