Delhi Assembly Election Results 2025: दिल्ली विधानसभा की 70 सीटों की मतगणना का कार्य जारी है। 2025 के चुनाव में बीजेपी ने दिल्ली की राजनीति में बड़ा उलटफेर करते हुए आम आदमी पार्टी को करारी शिकस्त दे दी। खुद पूर्व सीएम अरविंद केजरीवाल, पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसौदिया समेत आप आदमी पार्टी के कई दिग्गज नेता चुनाव हार गए। फिलहाल बीजेपी 47 सीटों पर बढ़त बनाए हुए है। जबकि आम आदमी पार्टी 23 सीटों पर आगे चल रही है। वहीं कांग्रेस का इसबार भी खाता नहीं खुला। मतगणना के बीच अब दिल्ली के अगले सीएम के नाम को लेकर चर्चा जारों पर चल रही है। जीत के बाद प्रवेश वर्मा गृहमंत्री अमित शाह से मुलाकात कर चुके हैं। कयास लगाए जा रहे हैं प्रवेश वर्मा के अलावा पांच अन्य नेताओं में से एक को बीजेपी हाईकमान दिल्ली की कमान सौंप सकता है।
केजरीवाल-सिसौदिया को मिली हार
दिल्ली विधानसभा की 70 सीटों पर 5 फरवरी को मतदान हुआ। करीब एक करोड़ 57 लाख से अधिक वोटर्स ने 699 उम्मीदवारों की भाग्य का फैसला ईवीएम में कैद कर दिया था। आठ फरवरी की सुबह से मतगणना का कार्य शरू हुआ और दोपहर आते-आते दिल्ली में 27 साल बाद बीजेपी की वापसी हो गई। चुनाव आयोग के मुताबिक, बीजेपी 13 सीट जीती और 34 सीटों पर उसे बढ़त है यानी कुल 47 सीटें। आम आदमी पार्टी भी 11 सीट जीती है, 12 सीटों पर आगे चल रही है यानी कुल 23 सीटें। कांग्रेस को एक भी सीट नहीं मिली है। इस बदलाव में अरविंद केजरीवाल नई दिल्ली और सिसोदिया जंगपुरा सीट से चुनाव हार गए। मुख्यमंत्री आतिशी कालकाजी सीट पर चुनाव जीत गई हैं। सत्येंद्र जैन भी चुनाव हार गए हैं।
9 फीसदी से ज्यादा का इजाफा
2020 में बीजेपी ने महज 8 सीटें जीती थीं। 2025 में 6 गुना ज्यादा यानी 47 से ज्यादा सीटों पर जीती। अरविंद केजरीवाल, प्रवेश वर्मा से 4089 वोटों से हारे, जबकि संदीप दीक्षित को महज 4568 ही वोट ही मिले। बीजेपी की पिछले चुनाव (2020) के मुकाबले 39 सीटें बढ़ीं। वहीं, आप को 39 सीटों का नुकसान हुआ है। बीजेपी ने पिछले चुनाव (2020) के मुकाबले वोट शेयर में 9 फीसदी से ज्यादा का इजाफा हुआ। वहीं, आप को 10 फीसदी से ज्यादा का नुकसान हुआ है। कांग्रेस को भले ही एक सीट मिलती नहीं दिख रही, लेकिन वोट शेयर 2 फीसदी बढ़ाने में कामयाब रही।
अमित शाह से मिले प्रवेश वर्मा
दिल्ली में बीजेपी की जीत लगभग-लगभग पक्की हो गई है। अब सीएम चेहरे को लेकर चर्चाओं का बाजार गर्म है। इनसब के बीजेपी के तमाम नेता दिल्ली में मुख्यमंत्री बनने का सपना संजोए बैठे हुए हैं। पर सभी जानते हैं कि बीजेपी में पीएम नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह को छोड़कर कोई नहीं जानता है कि सीएम की कुर्सी किसे मिलने वाली है। पर मुख्य रूप से तीन नाम ऐसे हैं जो तार्किक रूप से खुद को सीएम बनते हुए जरूर सपने देख रहे होंगे। इनमें प्रमुख रूप से दिल्ली बीजेपी के अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा, सांसद मनोज तिवारी और नई दिल्ली सीट नवनिर्वाचित विधायक प्रवेश वर्मा का नाम प्रमुख रूप से सीएम की रेस में बताया जा रहा है।
इन नामों को लेकर चर्चा
बात प्रवेश वर्मा की करें तो सबसे बड़ी वजह यह है कि उन्हें बीजेपी ने नई दिल्ली सीट से अरविंद केजरीवाल के खिलाफ मैदान में उतारा था। पूर्व सीएम साहिब सिंह वर्मा के बेटे दो बार के सांसद और महरौली से विधायक रह चुके हैं। दिल्ली बीजेपी के पूर्व अध्यक्ष मनोज तिवारी उत्तर-पूर्वी दिल्ली से लगातार तीसरी बार सांसद चुने गए हैं। बीजेपी ने इस बार दिल्ली की सात में छह लोकसभा सीटों पर अपने प्रत्याशी बदल दिए थे, लेकिन मनोज तिवारी का टिकट नहीं काटा गया था। पार्टी के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष सतीश उपाध्याय भी दिल्ली बीजेपी में एक बड़ा नाम हैं और पार्टी ने उन्हें मालवीय नगर सीट पर आप के बड़े नेता सोमनाथ भारती के विरुद्ध चुनाव में उतारा था।
तीन महिलाओं के नाम की भी चर्चा
भारतीय जनता पार्टी के पास एक तुरुप का पत्ता है किसी भी महिला को सीएम बनाना। महिला सीएम बनाने के लिए पार्टी के पास कई तेजतर्रार योग्य कैंडिडेट मौजूद हैं, जो भविष्य में बीजेपी के लिए असेट बन सकती हैं। इसमें बांसुरी स्वराज, मीनाक्षी लेखी और स्मृति ईरानी का नाम लिया जा रहा है। ये तीनों ही महिलाएं काम करने वाली, योग्य और जनता के बीच लोकप्रिय हैं। इनमें से किसी के भी मुख्यमंत्री बनने से बीजेपी को एक सबसे ब़ड़ा फायदा यह होने वाला है कि दिल्ली में पंजाबी, पूर्वांचली और जाट-गुर्जर की राजनीति और गुटबंदी होने की आशंका खत्म हो जाएगी। दूसरे इनमें से किसी भी समुदाय के नाराज होने का खतरा भी खत्म हो जाएगा। तीसरे दिल्ली में महिलाएं आम आदमी पार्टी की बहुत बड़ी सपोर्टर रही हैं और उसका काट भी महिला सीएम के जरिए संभव हो सकेगा।
सबसे आगे प्रवेश वर्मा
सूत्रों की मानें तो सीएम फेस की रेस में तीन नाम सबसे आगे बताए जा रहे हैं। इनमें प्रवेश वर्मा, मनोज तिवारी और स्मृति ईरानी हैं। सूत्र बताते हैं कि प्रवेश वर्मा जाट समुदाय से आते हैं। किसान आंदोलन के बाद जाट समुदाय का बड़ा वर्ग लोकसभा चुनाव में बीजेपी से नाराज हो गया था। ऐसे में बीजेपी हाईकमान प्रवेश वर्मा को दिल्ली की कमान सौंप सकता है। वहीं स्मृति ईरानी के नाम की भी चर्चा है। सूत्र बताते हैं कि स्मृति ईरानी पीएम मोदी की करीबी नेताओं में से एक हैं। वह अमेठी से चुनाव हार गई थीं। चर्चा थी कि बीजेपी उन्हें दिल्ली विधानसभा चुनाव में टिकट दे सकती है। पर बीजेपी ने उन्हें चुनाव नहीं लड़वाया। सूत्र बताते हैं कि बीजेपी स्मृति ईरानी को सीएम बना सकती है। लिस्ट में मनोज तिवारी का नाम भी बताया जा रहा है।
इन नामों पर भी हो रही चर्चा
2013 में कांग्रेस के गढ़ राजौरी गार्डन को ढहाने वाले बीजेपी के राष्ट्रीय सचिव और पूर्व विधायक मनजिंदर सिंह सिरसा का नाम भी शामिल है। हाल ही में बीजेपी में शामिल हुए आप के पूर्व मंत्री कैलाश गहलोत और बीजेपी के रोहिणी विधायक विजेंद्र गुप्ता को लेकर भी चर्चाएं तेज हैं। हालांकि इन तमाम नामों के बीच केंद्रीय नेतृत्व पर हर किसी की निगाहें हैं। क्योंकि यूपी, एमपी, राजस्थान हो फिर छत्तीसगढ़, हर जगह बीजेपी ने सीएम पद के फैसले पर चौंकाया है। यूपी में योगी आदित्यनाथ को अचानक सांसद से मुख्यमंत्री बना दिया गया था। वैसे ही मध्यप्रदेश के लोकप्रिय नेता रहे शिवराज सिंह चौहान को हटाकर उनकी जगह मोहन यादव को राज्य की कमान सौंप दी गई। जबकि राजस्थान में वसुंधरा राजे जैसे दिग्गज चेहरों की बजाय पहली बार के विधायक भजनलाल शर्मा को मुख्यमंत्री बनाया।