SP vs CP: अगर आप पुलिस सेवा में जाने का सपना देख रहे हैं और सोच रहे हैं कि SP (पुलिस अधीक्षक) और CP (पुलिस आयुक्त) में से कौन ज्यादा पावरफुल है, तो इन दोनों में थोड़ा फर्क समझ लीजिए, दोनों में CP बड़े शहरों में कानून-व्यवस्था संभालते हैं, और उनके पास ज्यादा अधिकार होते हैं। वहीं SP जिला स्तर पर काम करते हैं और गांव के इलाकों में पोस्टिंग होती है। लेकिन दोनों ही पद दमदार हैं, बस आपकी रुचि और लक्ष्य पर निर्भर करता है कि आप क्या चुने।
एसपी की ताकत
एसपी एक जिले का पुलिस प्रमुख होता है, जिसका काम उस जिले की पूरी पुलिस फोर्स को मैनेज करना होता है। छोटे शहरों और जिलों में एसपी की तैनाती होती है, लेकिन बड़े शहरों में एसपी सेकंड या थर्ड अफसर के तौर पर काम करते हैं। एसपी को आईजी या डीआईजी जैसे सीनियर अधिकारियों की निगरानी में काम करना पड़ता है।
सीपी की ताकत
सीपी की जिम्मेदारी थोड़ी बड़ी होती है। वह बड़े शहरों और रेंज की पुलिस फोर्स के प्रमुख होते हैं, यानी एक से ज्यादा जिले और शहर उनके अंदर होते हैं। सीपी को गृह मंत्रालय से डायरेक्ट कमांड मिलता है, और वह सीधे होम सेक्रेटरी के तहत काम करते हैं। सीपी के नीचे कई एसपी होते हैं। इस तरह सीपी का काम बहुत बड़ा और जिम्मेदारी का होता है।
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सैलरी का फर्क
एसपी की सैलरी आमतौर पर 78,000 रुपये से लेकर 2,09,200 रुपये तक होती है, जबकि सीपी की सैलरी 1,44,200 रुपये से लेकर 2,24,100 रुपये तक होती है। तो, सीपी की सैलरी एसपी से ज्यादा होती है, क्योंकि उनका काम और जिम्मेदारी भी बड़ी होती है।
कौन ज्यादा पावरफुल है?
पावर की बात करें तो सीपी ज्यादा पावरफुल होता है। उनका काम एक बड़े शहर या रेंज की पूरी पुलिस व्यवस्था को संभालना होता है, जबकि एसपी सिर्फ एक जिले के लिए जिम्मेदार होते हैं।दोनों ही पद महत्वपूर्ण होते हैं,और जरूरी है । लेकिन सीपी की जिम्मेदारी और पावर ज्यादा होती है।