डिंपल ने NDA को दिखाया असली चेहरा, मौलाना के बहाने धर्म की राजनीति पर किया वार

लखनऊ में सोमवार को संसद भवन के बाहर एक अलग ही नज़ारा देखने को मिला, जब सपा सांसद डिंपल यादव के समर्थन में बीजेपी और एनडीए के सांसद धरने पर बैठ गए। यह विरोध एक टीवी बहस में मौलवी साजिद रशीदी की टिप्पणी के खिलाफ किया गया। इस दौरान डिंपल यादव ने मणिपुर और ऑपरेशन सिंदूर का मुद्दा भी उठाया।

Dimple Yadav News

Dimple Yadav News : सोमवार को संसद भवन में एक अनोखा दृश्य देखने को मिला, जब एनडीए और भाजपा के सांसद सपा सांसद डिंपल यादव के समर्थन में धरने पर बैठ गए। यह विरोध एक टीवी डिबेट में मौलवी साजिद रशीदी द्वारा की गई आपत्तिजनक टिप्पणी के खिलाफ किया गया था।हालांकि, जब डिंपल यादव से एनडीए के इस समर्थन पर सवाल पूछा गया, तो उन्होंने मणिपुर की हालिया घटनाओं और ऑपरेशन सिंदूर के दौरान महिला फौजी अधिकारी पर भाजपा नेताओं की टिप्पणी का मुद्दा उठाया।

डिंपल यादव ने कहा, “मणिपुर में जो हुआ, उस पर भी अगर भाजपा और एनडीए के नेता इस तरह से प्रदर्शन करते, तो ज्यादा बेहतर होता। साथ ही ऑपरेशन सिंदूर के समय महिला अधिकारी पर की गई टिप्पणी पर भी उन्हें ध्यान देना चाहिए।” सपा की मीडिया सेल ने इस पूरे घटनाक्रम को भाजपा की साजिश बताया है।

संसद भवन के बाहर दिखा अलग राजनीतिक रंग 

सोमवार को संसद भवन के बाहर एक अलग ही राजनीतिक रंग देखने को मिला, जब भाजपा और एनडीए के सांसद समाजवादी पार्टी की सांसद डिंपल यादव के समर्थन में हाथों में तख्तियां लेकर धरने पर बैठ गए। यह विरोध एक टीवी डिबेट में ऑल इंडिया इमाम एसोसिएशन के अध्यक्ष मौलाना साजिद रशीदी द्वारा डिंपल यादव के पहनावे को लेकर की गई आपत्तिजनक टिप्पणी के खिलाफ किया गया था।

हालांकि समाजवादी पार्टी की मीडिया सेल ने इस पूरे घटनाक्रम को भाजपा की सुनियोजित चाल बताया है। सपा मीडिया सेल की ओर से एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर पोस्ट कर आरोप लगाया गया, “डिंपल यादव जी के खिलाफ अभद्र टिप्पणी भाजपा ने खुद अपने करीबी रशीदी से करवायी। कई ऐसे मौलाना और मुस्लिम नेता हैं जो भाजपा के इशारे पर काम करते हैं और प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से उसे फायदा पहुंचाते हैं। अब वही भाजपा और उसके सहयोगी सांसद संसद में नाटक कर रहे हैं कि वे महिला सांसद का अपमान नहीं सहेंगे।”

सपा ने कसा तंज 

एक अन्य पोस्ट में सपा ने तंज कसते हुए लिखा, “समय बदल रहा है। कृष्ण शिशुपाल की गालियों की गिनती कर रहे हैं। भाजपा और आरएसएस के शीर्ष नेताओं को यह समझना चाहिए कि भाजपा की गालीबाज फैक्ट्री, जिसका संचालन अमित मालवीय जैसे नेता कर रहे हैं, वही पार्टी की जड़ें खोद रही है। अगर समय रहते इस पर रोक नहीं लगी तो कल यही गालियां भाजपा के नेताओं को ही झेलनी पड़ेंगी।”

भाजपा और एनडीए ने किया धरना 

धरने में भाजपा और एनडीए सांसदों ने हाथों में जो तख्तियां ली थीं, उनमें ‘महिला सांसद का अपमान नहीं सहेंगे’ और ‘महिला विरोधी मानसिकता नहीं सहेंगे’ जैसे नारे लिखे थे। साथ ही सपा प्रमुख अखिलेश यादव की चुप्पी पर भी निशाना साधा गया। एक तख्ती पर लिखा गया – ‘बेशर्मी की कैसी चाल, पत्नी के अपमान पर भी नहीं सवाल।’ यह टिप्पणी अखिलेश यादव पर तंज के तौर पर देखी जा रही है।

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मामले की शुरुआत तब हुई जब एक टीवी डिबेट में साजिद रशीदी ने एक बैठक की तस्वीर दिखाते हुए उसमें शामिल महिलाओं के पहनावे की तुलना की। उन्होंने कहा कि एक ओर इकरा हसन सिर ढककर बैठी हैं, जबकि दूसरी ओर डिंपल यादव के पहनावे पर आपत्तिजनक टिप्पणी की। उनकी इस टिप्पणी को न सिर्फ अपमानजनक माना गया, बल्कि राजनीतिक गलियारों में तीखी प्रतिक्रिया भी देखने को मिली।

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