संविधान रचयिता बाबा साहब अंबेडकर, की डिग्रियां देख हर कोई बोला यह तो गजब है भाईसाहब

ने उडॉ. बी.आर. अंबेडकरकी डिग्रियों की लिस्ट ने सोशल मीडिया पर सनसनी मचा दी है। उन्होंने भारत से लेकर विदेशों तक प्रतिष्ठित संस्थानों में पढ़ाई की। ध्रुव राठी के शेयर किए पोस्ट नकी शिक्षा की गहराई ह मको दिखाई है।

Dr BR Ambedkar’s education journey : अंबेडकर का नाम लेते ही उनके योगदान और शिक्षा का जिक्र होना स्वाभाविक है। हाल ही में, उनके अकादमिक सफर की एक सूची सोशल मीडिया पर वायरल हो गई है, जिसे यूट्यूबर ध्रुव राठी ने साझा किया। इस लिस्ट ने हर किसी को सोचने पर मजबूर कर दिया है कि आखिर इतने महान नेता ने कितनी गहराई से पढ़ाई की थी।

डिग्रियां और पढ़ाई का ब्यौरा

ध्रुव राठी द्वारा साझा की गई इस सूची में अंबेडकर की प्राथमिक शिक्षा से लेकर विदेशी डिग्रियों तक का उल्लेख है। बाबा साहब ने महाराष्ट्र के सतारा में अपनी शुरुआती पढ़ाई की। बाद में, मुंबई के एल्फिंस्टन हाई स्कूल से सेकेंडरी शिक्षा प्राप्त की।

1913 में, उन्होंने बॉम्बे यूनिवर्सिटी से इकोनॉमिक्स और पॉलिटिकल साइंस में ग्रेजुएशन किया। इसके बाद उन्हें कोलंबिया यूनिवर्सिटी में पढ़ाई के लिए स्कॉलरशिप मिली। यहां से उन्होंने पोस्टग्रेजुएशन और पीएचडी पूरी की। बाद में, लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स से एमएससी और डीएससी की डिग्री ली। उन्होंने ग्रे कॉलेज से लॉ की पढ़ाई की थी।

आर्थिक तंगी और पढ़ाई

हालांकि, पढ़ाई के दौरान अंबेडकर को आर्थिक तंगी का सामना करना पड़ा। 1917 में भारत लौटकर उन्होंने सिडेनहैम कॉलेज में प्रोफेसर के रूप में काम किया। कुछ पैसे जुटाने और दोस्तों से मदद लेने के बाद, वह फिर से लंदन चले गए और अपनी अधूरी पढ़ाई पूरी की।

डी लिट की मानद उपाधि

आजादी के बाद, अंबेडकर को 1952 में राज्यसभा सांसद बनाया गया। इसी साल, उन्हें हैदराबाद की उस्मानिया यूनिवर्सिटी ने डी लिट की मानद उपाधि से सम्मानित किया। ध्रुव राठी के इस पोस्ट से लोग अंबेडकर की शिक्षा के प्रति समर्पण को जानकर हैरान हैं। कई लोग मानते हैं कि भारत में इतने पढ़े लिखे नेता शायद ही कभी हुए हों।

अमित शाह के बयान पर विवाद

संविधान की 75वीं वर्षगांठ पर संसद में गृह मंत्री अमित शाह ने कहा था, आजकल अंबेडकर का नाम लेना फैशन बन गया है। अगर इतना नाम भगवान का लिया होता तो स्वर्ग में जगह मिलती। इस बयान पर विपक्ष ने नाराजगी जाहिर की और माफी की मांग की। संसद के सत्र के आखिरी दिनों में इस मुद्दे पर खूब बहस हुई।

शिक्षा से प्रेरणा

बाबा साहब अंबेडकर का जीवन शिक्षा और मेहनत की मिसाल है। उनकी डिग्रियों की सूची यह साबित करती है कि उन्होंने किस हद तक पढ़ाई को महत्व दिया। यह जानकारी आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा है कि शिक्षा से क्या कुछ हासिल किया जा सकता है। यह उनकी मेहनत और समर्पण का बेहतरीन उदाहरण है

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