India-UK Free Trade : भारत और यूनाइटेड किंगडम (UK) के बीच फ्री ट्रेड एग्रीमेंट (FTA) पर साइन होने के बाद सिर्फ देश की बड़ी इंडस्ट्रीज ही नहीं, बल्कि छोटे और स्थानीय कारोबारी भी नई ऊंचाइयों को छू सकेंगे। इस समझौते के तहत भारत और UK एक-दूसरे के बाजारों तक समान और सीधा एक्सेस पाएंगे। टैरिफ हटने की वजह से जहां ब्रिटेन के प्रोडक्ट्स को भारत में बेहतर मौका मिलेगा, वहीं भारत के घरेलू उत्पादों के लिए भी ब्रिटेन के बाजार पूरी तरह खुल जाएंगे।
इस डील के जरिए भारत के इलेक्ट्रिक मशीनरी, लेदर गुड्स और केमिकल्स जैसे सेक्टर्स को UK मार्केट में अधिक पहुंच मिलेगी। दोनों देशों के बीच कारोबार को 2030 तक लगभग दोगुना कर 120 बिलियन डॉलर तक पहुंचाने का लक्ष्य रखा गया है, जो अभी करीब 56 बिलियन डॉलर के आसपास है।
क्या-क्या होगा एक्सपोर्ट ?
ट्रेड डील के लागू होते ही भारत से कोल्हापुरी चप्पल, कटहल, बासमती चावल और गोवा की मशहूर फेनी को ब्रिटिश बाजारों में बड़ी जगह मिलेगी। खास बात यह है कि अब 99% से ज्यादा भारतीय प्रोडक्ट्स पर एक्सपोर्ट ड्यूटी नहीं लगेगी, जिससे लगभग 23 अरब डॉलर तक के व्यापार अवसर खुलेंगे।
फल, सब्ज़ियां, आम का पल्प, मसाले, दालें, हल्दी, इलायची, काली मिर्च जैसे दर्जनों एग्री प्रोडक्ट्स अब बिना किसी शुल्क के UK भेजे जा सकेंगे। इससे कटहल, बाजरा और ऑर्गेनिक हर्ब्स जैसे उत्पादों की मांग भी ब्रिटेन में तेज़ी से बढ़ने की संभावना है।
UK के पब में देसी पेयों की एंट्री
इस डील के जरिए भारत के पारंपरिक मादक पेयों जैसे गोवा की फेनी, नासिक की वाइन और केरल की ताड़ी को ब्रिटेन में आधिकारिक मान्यता मिलने की उम्मीद है। अगर ये मंजूरी मिलती है तो ब्रिटिश पब्स और रेस्टोरेंट्स में अब देसी स्वाद का जलवा देखने को मिलेगा। भारत सरकार का लक्ष्य है कि 2030 तक मादक पेयों का निर्यात 1 अरब डॉलर तक पहुंचाया जाए, जो फिलहाल 370.5 मिलियन डॉलर के आसपास है।
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ट्रेड डील का फायदा मत्स्य पालन उद्योग को भी मिलेगा। आंध्र प्रदेश, ओडिशा, तमिलनाडु और केरल जैसे राज्यों से समुद्री उत्पादों का ब्रिटेन में निर्यात बढ़ेगा। साथ ही महाराष्ट्र से अंगूर और प्याज, गुजरात से मूंगफली और कपास, पंजाब व हरियाणा से बासमती चावल, केरल और पूर्वोत्तर राज्यों से मसाले तथा फलों की ब्रिटेन में मांग तेज़ हो सकती है।