Emergency Medicine Day2025 : हर साल 27 मई को दुनियाभर में ‘इमरजेंसी मेडिसिन डे’ मनाया जाता है। इसका मुख्य उद्देश्य लोगों और सरकारों को आपातकालीन चिकित्सा सेवाओं की अहमियत के बारे में जागरूक करना है। इस दिन का मकसद है कि किसी भी आपात स्थिति में मरीजों को समय पर और सही इलाज मिल सके, जिससे उनकी जान बचाई जा सके और गंभीर बीमारियों या विकलांगता से बचाव हो।
भारत में इमरजेंसी सेवाओं की स्थिति
भारत में आपातकालीन चिकित्सा सेवाओं की स्थिति अभी भी संतोषजनक नहीं है। 2021 में नीति आयोग की रिपोर्ट के अनुसार, देश में एम्बुलेंस सेवाओं, अस्पतालों की सुविधाओं और प्रशिक्षित स्टाफ की भारी कमी है। इस कारण कई बार मरीजों को समय पर इलाज नहीं मिल पाता, जिससे उनकी हालत गंभीर हो जाती है या मौत भी हो सकती है।
‘गोल्डन ऑवर’ का महत्व
किसी भी आपात स्थिति में पहले कुछ घंटे बेहद महत्वपूर्ण होते हैं। लखनऊ के किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर हैदर अब्बास के अनुसार, स्ट्रोक या हार्ट अटैक जैसी स्थितियों में शुरुआती समय में सही इलाज मिलने से मरीज की जान बचाई जा सकती है। इसके लिए विशेष उपकरणों और प्रशिक्षित स्टाफ की जरूरत होती है।
जलवायु परिवर्तन और स्वास्थ्य आपात स्थितियाँ
जलवायु परिवर्तन के कारण स्वास्थ्य आपात स्थितियाँ बढ़ रही हैं। उच्च तापमान, बाढ़ और अन्य प्राकृतिक आपदाओं के कारण लोगों को हीट स्ट्रोक, संक्रमण और अन्य बीमारियों का सामना करना पड़ता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, 2030 से 2050 के बीच जलवायु परिवर्तन के कारण हर साल लगभग 2.5 लाख अतिरिक्त मौतें हो सकती हैं।
जागरूकता बढ़ाने के लिए कार्यक्रम
‘इमरजेंसी मेडिसिन डे’ के अवसर पर विभिन्न देशों में जागरूकता बढ़ाने के लिए कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। भारत के केरल में MOSC मेडिकल कॉलेज ने 19 से 25 मई तक ‘इमरजेंसी मेडिसिन वीक’ मनाया, जिसमें पोस्टर प्रतियोगिता, क्विज और अन्य कार्यक्रम शामिल थे। पुणे में भी 26 मई को एक शैक्षणिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
‘इमरजेंसी मेडिसिन डे’ हमें याद दिलाता है कि आपातकालीन चिकित्सा सेवाएँ कितनी महत्वपूर्ण हैं। समय पर और सही इलाज से कई जिंदगियाँ बचाई जा सकती हैं। इसके लिए सरकारों, अस्पतालों और आम लोगों को मिलकर काम करना होगा, ताकि हर व्यक्ति को आपात स्थिति में बेहतर इलाज मिल सके।