नई दिल्ली ऑनलाइन डेस्क। विततमंत्री निर्मला सीतारमण आठवां बजट पेश कर रही हैं। वित्त मंत्री ने आज क्रीम कलर की मधुबनी आर्ट वाली साड़ी पहनी है। वित्तमंत्री ने बजट में किसानों को बड़ी सौगात दी है। उन्होंने किसान क्रेडिट कार्ड की लिमिट को बढ़ा दिया है। मोदी सरकार ने अब केसीसी की लिमिट 3 लाख रुपए से बढ़ाकर 5 लाख रुपए तक कर दी है। केसीसी की लिमिट बढ़ाए जाने पर किसान गदगद हैं। उनका कहना है कि हमें उम्मीद है कि पीएम सम्मान निधि को भी मोदी सरकार इसी बजट में बढ़ाएगी।
हुआ भी कुछ ऐसा
भारत को क्रषि प्रधान देश कहा जाता है। भारत की जीडीपी पर किसानों का अहम रोल होता है। करीब 65 फीसदी आबादी आजादी के बाद से खेती-किसानी पर निर्भर है। कई सरकारें आई और गई पर किसानों की आर्थिक स्थित ज्योंकि त्यों है। ऐसे में किसानों को उम्मीद है कि मोदी सरकार 2025-2026 के बजट में हलधरों के लिए कोई खास स्कीम ला सकती है। हुआ भी कुछ ऐसा। वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने किसानों की मांग पर मुहर लगाते हुए किसान क्रेडिट कार्ड की लिमिट 3 लाख से बढ़ाकर 5 लाख रूपए कर दी है।
अल्पकालीन फसल ऋण दिया जाता
किसान क्रेडिट कार्ड योजना की शुरुआत 1998 में की गई थी। इसके तहत खेती और उससे जुड़ी गतिविधियों में लगे किसानों को 9 फीसदी ब्याज दर पर अल्पकालीन फसल ऋण दिया जाता है। सरकार किसानों को ब्याज पर 2 फीसदी छूट देती है और समय से अदायगी करने वाले किसानों के ब्याज में बतौर प्रोत्साहन 3 फीसदी कमी और कर दी जाती है। इस तरह किसानों को सालाना 4 फीसदी दर पर कर्ज मिल जाता है। इस योजना के तहत सक्रिय क्रेडिट कार्ड खातों की संख्या 30 जून, 2023 तक 7.4 करोड़ से अधिक थी।
कृषि क्षेत्र में उत्पादन को बढ़ावा मिलेगा
दरअसल, खेती की लागत बहुत बढ़ी है मगर किसान क्रेडिट कार्ड पर उधारी की सीमा कई साल से बढ़ाई नहीं गई। जिसकी मांग किसानों की तरफ से की जा रही थी। किसानों का कहना है कि केसीसी की रकम में इजाफा होने से अब कृषि क्षेत्र में उत्पादन को बढ़ावा मिलेगा। साथ ही कृषि आय बढ़ाने में मदद भी होगी। सरकार के इस कदम से किसानों की जीवनशैली में ही सुधार नहीं होगा।
341.70 करोड़ रुपये क्रेडिट लिमिट के साथ
नाबार्ड के आंकड़ों के अनुसार अक्तूबर 2024 तक सहकारी बैंकों और क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों ने 167.53 लाख किसान क्रेडिट कार्ड जारी किए गए थे। जिनकी कुल क्रेडिट लिमिट 1.73 लाख करोड़ रुपये थी। इसमें डेयरी किसानों के लिए 10,453.71 करोड़ रुपये क्रेडिट लिमिट के साथ 11.24 लाख कार्ड और मत्स्य पालकों के लिए 341.70 करोड़ रुपये क्रेडिट लिमिट के साथ 65,000 किसान क्रेडिट कार्ड शामिल हैं।
कृषि बजट बढ़कर 1.51 लाख करोड़ रुपये
जानकार बताते हैं कि देश में आजादी के बाद से अब तक कृषि बजट काफी हद तक बदल गया है। 1947-48 में जब बजट पेश किया गया था तो उसमें 22.5 करोड़ रुपये कृषि क्षेत्र को दिए गए थे। यह भी बतौर अनाज सब्सिडी के लिए थे। इसके बाद 2013-14 में कृषि बजट बढ़कर 27 हजार करोड़ रुपये कर दिया गया। 2024-25 में कृषि बजट बढ़कर 1.51 लाख करोड़ रुपये हो गया। देश के बजट में कृषि बजट की हिस्सेदारी तीन फीसदी है।