Shubhanshu Shukla : एक्सिओम-4 मिशन का हिस्सा रहे भारतीय अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला और उनकी टीम मंगलवार, 15 जुलाई 2025 को पृथ्वी पर लौट आई। अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) पर 18 दिन बिताने के बाद उन्होंने 22.5 घंटे लंबी वापसी यात्रा पूरी की। चारों अंतरिक्ष यात्रियों को लेकर आया स्पेसएक्स का ड्रैगन कैप्सूल अमेरिका के सैन डिएगो तट के पास समुद्र में सफलतापूर्वक लैंड हुआ। इस ऐतिहासिक वापसी के बाद शुभांशु शुक्ला की पहली तस्वीरें सामने आई हैं, जिनमें वे मुस्कुराते हुए, आत्मविश्वास से भरे नजर आ रहे हैं।
ड्रैगन यान से उतरे शुभांशु
शुभांशु शुक्ला, जो इस मिशन में पायलट की भूमिका में थे, जैसे ही कैप्सूल से बाहर निकले, उनके चेहरे पर गर्व और संतोष की स्पष्ट झलक थी। 18 दिनों के बाद पहली बार उन्होंने पृथ्वी का गुरुत्वाकर्षण महसूस किया। सबसे पहले कमांडर पैगी व्हिटसन बाहर आईं, उनके बाद शुभांशु शुक्ला समेत बाकी दो अंतरिक्ष यात्री बाहर निकले।
धरती पर लौटने के बाद शुभांशु और उनकी टीम को अब 10 दिनों तक मेडिकल ऑब्जर्वेशन और रिकवरी के लिए आइसोलेशन में रखा जाएगा। इसके बाद ही वे सामान्य जीवन में लौट सकेंगे।
आईएसएस से विदा लेते हुए कहा – ‘जल्द मिलेंगे धरती पर’
13 जुलाई को जब शुभांशु ने आईएसएस से विदाई ली, तो उन्होंने भावुक होते हुए कहा, “जल्द ही धरती पर मुलाकात होगी।” वे राकेश शर्मा के बाद अंतरिक्ष की यात्रा करने वाले दूसरे भारतीय नागरिक बन गए हैं। 1984 में राकेश शर्मा की ऐतिहासिक उड़ान के बाद यह भारत के लिए एक और गौरवपूर्ण क्षण है। एक्सिओम-4 मिशन भारत, हंगरी और पोलैंड के लिए एक विशेष मील का पत्थर है, क्योंकि इन तीनों देशों ने लगभग चार दशकों के अंतराल के बाद अंतरिक्ष में वापसी की है।
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अंतरिक्ष से भारत को देखने के अनुभव को साझा करते हुए शुभांशु ने कहा, “41 साल पहले राकेश शर्मा ने कहा था कि भारत ऊपर से ‘सारे जहाँ से अच्छा’ दिखता है। आज जब मैंने भारत को अंतरिक्ष से देखा, तो वह और भी सशक्त, आत्मनिर्भर और आत्मविश्वासी नजर आया। आज का भारत महत्त्वाकांक्षी है, निडर है, और आत्मबल से भरा हुआ है – इसलिए मैं भी पूरे विश्वास से कह सकता हूं कि भारत आज भी ‘सारे जहाँ से अच्छा’ है।” शुभांशु की यह ऐतिहासिक वापसी न केवल भारत के लिए गर्व का विषय है, बल्कि देश की नई पीढ़ी को भी अंतरिक्ष के सपनों की ओर प्रेरित करने वाली है।