जानिए इस जिले में तस्कर क्यों करते हैं छिपकली के प्राईवेट पार्ट की पूजा, गैंग के सरगना विश्नोई ने शुरू की ये परंपरा

मध्य प्रदेश के खंडवा में तस्कर बड़े पैमाने पर सागौन की तस्करी करते थे, वन विभाग की टीम ने सरगना समेत तस्करों को गिरफ्तार किया है।

नई दिल्ली ऑनलाइन डेस्क। मध्य प्रदेश के खंडवा जिले में एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है। यहां पर वन विभाग की टीम ने सागौल तस्करी के बड़े गैंग का फंडाफोड़ करते हुए आरोपियों को दबोचा है। पकड़े गए आरोपियों ने पूछताछ के दौरान सनसनीखेज खुलासा किया है। आरोपियों ने बताया है कि तस्करी करने से पहले वह जंगली छिपकली (मॉनिटर लिजार्ड) के जननांग की पूजा करते थे। तस्करों का मानना है कि इससे तस्करी में सफलता मिलेगी और पकड़े जाने का खतरा कम होगा। तस्कर गैंग का सरगना विश्नोई भी वन विभाग के हत्थे लगा है। उसी ने छिपकली के प्राईवेट पार्ट के पूजा की परंपरा शुरू की थी।

क्या है पूरा मामला

दरअसल, मध्य प्रदेश के खंडवा जनपद में बड़े पैमाने पर तस्कर सागौन की तस्करी करते थे। वन विभाग की टीम को इसकी जानकारी हुई तो जंगल में ऑपरेशन लांच किया गया। सटीक सूचना पर वन विभाग की टीम ने आंवलिया परिक्षेत्र में छापा मारा और तस्करी में शामिल लोगों को पकड़ा। इस दौरान गैंग के सरगना कपिल विश्नोई की गिरफ्तारी हुई। उसके बाद एक और आरोपी दीपक पिता रामसिंग कोरकू को गिरफ्तार किया गया। पूछताछ के दौरान आरोपी दीपक ने वन विभाग को बताया गैंग के सभी लोग जंगल में पेड़ों की कटाई से पहले वन्यजीव मॉनिटर लिजार्ड के जननांग की पूजा करते थे।

इंस्टाग्राम अकाउंट डिलीट कर दिया

वन विभाग ने आरोपी की निशानदेही पर जंगल से वन्यजीवों के अंग भी बरामद किए। इस अपराध को लेकर आरोपी को जेल भेज दिया गया है। इस तस्करी गिरोह का मुख्य आरोपी कपिल विश्नोई है जो पेशे से रेत कारोबारी है। उसने अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर हथियार लहराते हुए वीडियो भी पोस्ट किए थे लेकिन जैसे ही पुलिस ने उसके खिलाफ एक्शन लिया उसने अपना इंस्टाग्राम अकाउंट डिलीट कर दिया। कपिल विश्नोई पर कई मुकदमे भी दर्ज हैं। कपिल विश्नोई बड़े पैमाने पर सौगान की तस्करी करता था। इसी ने गैंग को खड़ा किया।

इन्हें किया गया गिरफ्तार

वन विभाग ने कपिल विश्नोई, दीपक के अलावा, बृजमोहन उर्फ बिरजू पटेल, गणेश उर्फ कुप्पा, विजय पंडित, मंगू सरदार, हरि पवार बंजारा (नगावा निवासी) को अरेस्ट किया है। इस गिरोह का नेटवर्क हरदा जिले तक फैला हुआ है।जहां तस्करी का अवैध माल शरद विश्नोई को सप्लाई किया जाता था। वन विभाग ने इस गैंग के खिलाफ सख्त कार्रवाई शुरू कर दी है। अधिकारियों का कहना है कि गिरोह के बाकी सदस्यों को भी जल्द गिरफ्तार किया जाएगा और पूरे तस्करी नेटवर्क को नष्ट किया जाएगा।

सतर्कता से इस गिरोह का पर्दाफाश

मॉनिटर लिजार्ड (जंगली छिपकली) वन्यजीव संरक्षण अधिनियम 1972 के शेड्यूल-1 में शामिल है। इसका शिकार और अवयवों की तस्करी अवैध और दंडनीय अपराध है। वहीं यह मामला दिखाता है कि अवैध तस्करी के लिए अपराधी किस हद तक अंधविश्वासों पर भरोसा करते हैं। वन विभाग और पुलिस की सतर्कता से इस गिरोह का पर्दाफाश हुआ है और आगे भी ऐसी गतिविधियों पर रोक लगाने के लिए सख्त कार्रवाई की जा रही है।

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