Goa Nightclub Fire: गोवा के एक नाइट क्लब में हुई भीषण आग के बाद राज्य सरकार ने कड़ा रुख अपनाया है। मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने उस नाइट क्लब को पूरी तरह गिराने का आदेश जारी कर दिया है। यह वही रोमिया लेन बीच क्लब है, जिसे लूथरा ब्रदर्स संचालित करते थे। जल्द ही इस क्लब पर बुलडोजर चलाया जा सकता है।
मालिकों पर कड़ा एक्शन
आग के तुरंत बाद पुलिस ने क्लब के दोनों मालिकों, सौरभ लूथरा और गौरव लूथरा के खिलाफ इंटरपोल नोटिस जारी किया। हादसे के बाद दोनों दिल्ली होते हुए थाईलैंड भाग गए थे और अब उनके नाम इंटरपोल की लिस्ट में शामिल किए जा चुके हैं। वर्तमान में पुलिस उन्हें भारत वापस लाने के प्रयास में लगी है।
25 लोगों की दर्दनाक मौत
इस भीषण हादसे में कुल 25 लोगों की जान चली गई, जिनमें 5 पर्यटक भी शामिल थे। बताया गया कि क्लब में चल रहे इलेक्ट्रिक पटाखों से निकली चिंगारी लकड़ी की बनी छत से टकराई और देखते ही देखते आग फैल गई। कई लोग जान बचाने के लिए बेसमेंट में भागे, लेकिन वहां वेंटिलेशन की कोई सुविधा नहीं थी। इसी वजह से 21 लोगों की दम घुटने से मौत हो गई। यह घटना पूरे राज्य को हिला देने वाली थी।
कड़ी जांच और कई गिरफ्तारियां
मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने मामले की सख्त जांच के निर्देश दिए हैं। पुलिस ने कई लोगों को गिरफ्तार किया है, लेकिन क्लब के मुख्य मालिक देश छोड़कर भाग चुके हैं। उन्हें वापस लाने की कोशिश तेजी से चल रही है। यह मामला अब अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी ध्यान खींच रहा है।
सुरेंद्र की कहानी: सपनों का घर अधूरा रह गया
इस हादसे ने कई परिवारों को तबाह कर दिया। उन्हीं में से एक हैं उत्तराखंड के जमराड़ी सिमली गांव के रहने वाले सुरेंद्र, जो होटल उद्योग से लंबे समय से जुड़े थे। उनके पिता अमर सिंह के अनुसार, सुरेंद्र ने अपने करियर की शुरुआत बेंगलुरु से की और मेहनत के दम पर जर्मनी तक पहुंचे। चार साल विदेश में काम करने के बाद वे वापस लौटे और दोबारा जर्मनी जाने की तैयारी में जुट गए थे, लेकिन वीजा में आई दिक्कतों के चलते प्रक्रिया लंबी हो गई। उधर घर की आर्थिक जरूरतों को देखते हुए उन्होंने दोबारा बेंगलुरु के एक होटल में नौकरी की, जहां उन्हें उम्मीद से कम वेतन मिल रहा था। हादसे से कुछ वर्ष पहले ही सुरेंद्र का विवाह मनीषा से हुआ था। दंपति की कोई संतान नहीं थी।
सपनों का आशियाना भी टूट गया
सुरेंद्र और मनीषा खटीमा के महोलिया क्षेत्र में अपना घर बना रहे थे। एक कमरे का काम पूरा हो चुका था, बाकी निर्माण अभी चल रहा था। मनीषा मकान का काम देख रही थीं और दोनों जल्द ही नए घर में शिफ्ट होने का सपना देख रहे थे। लेकिन गोवा हादसे ने यह सपना हमेशा के लिए तोड़ दिया। गांव में गहरा मातम है और परिवार के सदस्यों की हालत बेहद खराब है।



