Haryana School Closed : हरियाणा सरकार ने वायु प्रदूषण की गंभीर स्थिति को देखते हुए बड़ा कदम उठाया है। राज्य में पांचवीं कक्षा तक के सभी स्कूल स्थायी रूप से बंद करने का फैसला लिया गया है। स्कूल शिक्षा निदेशालय ने इस बारे में सभी जिलों के डिप्टी कमिश्नर्स को पत्र लिखकर जरूरी दिशा-निर्देश जारी किए हैं।
Haryana में AQI खतरनाक स्तर पर
हरियाणा में वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) खतरनाक स्तर पर पहुंच चुका है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के अनुसार, राज्य के कई इलाकों में AQI ‘बेहद खराब’ श्रेणी में है। गुरुग्राम में 323, भिवानी में 346, और कैथल में 334 AQI दर्ज किया गया है। बढ़ते प्रदूषण के चलते ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (GRAP) का तीसरा चरण लागू हो चुका है, जिसके तहत यह निर्णय लिया गया।
स्कूल शिक्षा निदेशालय ने कहा है कि बच्चों की सेहत और सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए फिजिकल क्लासेज को बंद कर दिया जाए। प्राइवेट और सरकारी स्कूलों को निर्देश दिए गए हैं कि वे पांचवीं तक की कक्षाओं के लिए ऑनलाइन शिक्षा जारी रखें।
पराली जलाने और प्रदूषण का असर
प्रदूषण का एक बड़ा कारण पराली जलाने की समस्या को माना जा रहा है। धान की कटाई के बाद किसान खेतों को जल्द से जल्द साफ करने के लिए पराली जलाते हैं, जिससे वायु गुणवत्ता खराब होती है। अक्टूबर और नवंबर के महीनों में दिल्ली-एनसीआर सहित हरियाणा और पंजाब के इलाकों में प्रदूषण का स्तर बढ़ जाता है।
बच्चों की सेहत पर पड़ रहा असर
एक्सपर्ट का कहना है, कि बढ़ते प्रदूषण का सबसे ज्यादा असर बच्चों पर पड़ता है। छोटे बच्चों का इम्यून सिस्टम कमजोर होता है, जिससे वे प्रदूषण के कारण होने वाली बीमारियों का शिकार हो सकते हैं।
सरकार ने जनता से अपील की है कि प्रदूषण कम करने के लिए जिम्मेदारी निभाएं। पराली जलाने से बचें, निजी वाहनों का कम इस्तेमाल करें और सार्वजनिक परिवहन को प्राथमिकता दें। हरियाणा सरकार का यह फैसला बच्चों की सेहत को प्राथमिकता देने का एक अहम कदम है। हालांकि, प्रदूषण की समस्या का स्थायी समाधान जरूरी है, ताकि आने वाली पीढ़ियों को इस संकट से बचाया जा सके।