Nayab Singh Saini : हरियाणा सरकार ने युद्ध में शहीद हुए सैनिकों और अर्धसैनिक बलों के जवानों के बच्चों के लिए एक अहम और संवेदनशील फैसला लिया है। गुरुवार, 26 जून को हुई कैबिनेट बैठक में इस नई छात्रवृत्ति योजना को लागू करने की मंजूरी दी गई। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने बताया कि यह फैसला प्रदेश के हित में लिए गए 32 जनकल्याणकारी प्रस्तावों में शामिल है।
मुख्यमंत्री सैनी ने कहा, “हमारी सरकार ने अपने संकल्प पत्र में जो वादा किया था, उसे निभाते हुए यह योजना शुरू की जा रही है। युद्ध में शहीद हुए सैनिकों और अर्धसैनिक बलों के जवानों के बच्चों को अब कक्षा 6वीं से 12वीं तक सालाना ₹60,000, ग्रेजुएशन स्तर पर ₹72,000 और पोस्ट ग्रेजुएशन में ₹96,000 सालाना स्कॉलरशिप दी जाएगी।”
सरकार ने छात्रवृत्ति राशि में की ऐतिहासिक बढ़ोतरी
उन्होंने आगे कहा कि यह योजना शहीदों के सम्मान और उनके परिवारों के भविष्य की दिशा में एक ठोस कदम है। पहले भी शहीद सैनिकों के बच्चों को छात्रवृत्ति दी जाती रही है। साल 2006-07 में प्रधानमंत्री छात्रवृत्ति योजना की शुरुआत की गई थी, जिसमें पूर्व सैनिकों के बच्चों को तकनीकी और व्यावसायिक शिक्षा के लिए छात्रवृत्ति दी जाती थी। उस समय लड़कों को ₹2000 और लड़कियों को ₹2250 प्रति माह दिए जाते थे।
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बाद में इसे 2019-20 में बढ़ाकर क्रमशः ₹2500 और ₹3000 कर दिया गया था। अब हरियाणा सरकार की नई योजना से यह सहायता राशि कई गुना बढ़ा दी गई है, जिससे शहीदों के बच्चों को उच्च स्तरीय शिक्षा प्राप्त करने में और अधिक सहयोग मिलेगा। मुख्यमंत्री ने इस मौके पर गर्व जताते हुए कहा, “मुझे खुशी है कि हमारे संकल्प पत्र का एक और वादा आज पूरा हो गया है।”