ये कठमुल्लाह देश के लिए हानिकारक हैं… VHP के कार्यक्रम में हाईकोर्ट के जस्टिस Shekhar Kumar Yadav का बड़ा बयान

इलाहाबाद हाई कोर्ट के जज जस्टिस Shekhar Kumar Yadav 8 दिसंबर को विश्व हिंदू परिषद (VHP) के एक कार्यक्रम में शामिल हुए, जहां उन्होंने कई मुद्दों पर अपने विचार व्यक्त किए।

Shekhar Kumar Yadav : इलाहाबाद हाई कोर्ट के जज जस्टिस शेखर कुमार यादव 8 दिसंबर को विश्व हिंदू परिषद (VHP) के एक कार्यक्रम में शामिल हुए, जहां उन्होंने कई मुद्दों पर अपने विचार व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि हिंदू समुदाय मुसलमानों से अपनी संस्कृति को अपनाने की उम्मीद नहीं करता, लेकिन यह जरूर चाहता है कि उनकी संस्कृति का अनादर न हो।

कार्यक्रम में समान नागरिक संहिता (UCC) का जिक्र करते हुए जस्टिस यादव ने कहा कि भारत एक ऐसा देश है जो बहुसंख्यक समाज की इच्छाओं के अनुसार चलता है। उन्होंने कहा कि हिंदू अपने बच्चों को सहनशीलता और दया का पाठ पढ़ाते हैं। बच्चों को जानवरों और प्रकृति से प्रेम करना सिखाया जाता है, लेकिन अगर बच्चे अपने सामने जानवरों को मारे जाते हुए देखेंगे, तो वे सहनशीलता और करुणा कैसे सीख पाएंगे?

हिंदू रीति-रिवाजों और महिलाओं के सम्मान पर चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि हिंदू समुदाय यह अपेक्षा नहीं करता कि कोई उनकी परंपराओं का पालन करे, जैसे अग्नि के चारों ओर सात फेरे लेना या गंगा में स्नान करना। लेकिन वे यही चाहते हैं कि देश की संस्कृति, देवी-देवताओं और महान नेताओं का अपमान न हो। उन्होंने यह भी कहा कि महिलाएं, जिन्हें हिंदू धर्मग्रंथों और वेदों में देवी के रूप में माना गया है, उनका अपमान बर्दाश्त नहीं किया जा सकता। जस्टिस यादव के इस बयान के दौरान कई वकील और विश्व हिंदू परिषद के कार्यकर्ता मौजूद थे।

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