नई दिल्ली ऑनलाइन डेस्क। अपने बयानों के चलते चर्चा में रहने वाले आईएएस अधिकारी नियाज खान एक बार फिर सुर्खियों में है। बकरीद से ठीक पहले उन्होंने सोशल मीडिया में पशुबलि के खिलाफ ऐसी पोस्ट की है, जिसकी चर्चा हो रही है। इसके साथ ही उन्होंने पर्यावरण में जीव जंतुओं की रक्षा पर जोर दिया है।मध्य प्रदेश के कैडर के आईएएस अफसर नियाज खान ने अपने पोस्ट में लिखा कि यह धरती केवल मनुष्यों के लिए नहीं है। पेड़, पौधे, जीव-जंतु, इन सबका भी अधिकार है। इन सबकी रक्षा होनी चाहिए। उन्होंने पशुओं का खून बहाने को अनुचित करार देते हुए कहा कि यह कहीं से भी उचित नहीं है। पर्यावरण और जीव-जंतुओं की रक्षा पर जोर देते हुए उन्होंने लिखा कि पेड़-पौधों और जीवों का भी इस धरती पर उतना ही अधिकार है, जितना मनुष्यों का।
इससे पहले आईएएस नियाज खान ने एक और बड़ा बयान दिया था। उन्होंने अपने सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर लिखा कि भारत में सभी हिंदू थे। हिन्दुओं को मुस्लिम बनाया गया। इस्लाम तो अरब देशों से यहां आया, इसलिए देश के मुसलमानों को पहले हिंदुओं को भाई मानना चाहिए और फिर अरब के देशों को मानना चाहिए। उन्होंने आगे लिखा, भले ही धर्म अलग-अलग हों, लहू तो एक है। सभी एक संस्कृति का हिस्सा रहे हैं। अगर जो मुस्लिम अरब के लोगों को आदर्श मानते हैं, वे पुनर्विचार करें। सर्वप्रथम हिंदुओं को अपना भाई मानें, बाद में अरब को। प्लीज बकरीद पर जानवरों की कुर्बानी के बजाए पौधरोपण कर पर्व मनाएं।
मध्य प्रदेश कैडर के चर्चित आईएएस अफसर नियाज खान के बयान के बाद मुस्लिम संगठनों ने उनके खिलाफ हल्लबोल दिया। ऑल इंडिया मुस्लिम त्योहार कमेटी ने नियाज खान के बयान पर कड़ा एतराज जताते हुए उनसे अफसरी छोड़कर बीजेपी में शामिल होने की सलाह दी है। संगठन ने उनकी टिप्पणी को इस्लाम को बदनाम करने वाला बताया और कहा कि मुस्लिम समुदाय इसे बर्दाश्त नहीं करेगा। कमेटी के संरक्षक शम्सुल हसन ने कहा, ’हमें अफसोस है कि बकरीद जैसे त्योहार से ठीक पहले नियाज खान इस तरह के बयान दे रहे हैं। इस्लाम को बदनाम करने वाले बयान नाकाबिले बर्दाश्त हैं। मुस्लिम समुदाय इसे सहन नहीं करेगा। बीजेपी की सरकार है, इसलिए यहां के अधिकारी बीजेपी का दामन पकड़े हुए है।. नियाज खान को बीजेपी के टिकट पर चुनाव लड़ना चाहिए।
शम्सुल हसन ने आगे कहा, ’अगर नियाज खान को कुरान के बारे में जानकारी है, तो उन्हें शर्म से डूब मरना चाहिए। अगर जानकारी नहीं है, तो मैं उन्हें कुरान भेंट करूंगा। कुर्बानी का इस्लाम में अपना महत्व है और यह कयामत तक जारी रहेगी, इसे कोई नहीं रोक सकता। कुरान में स्पष्ट लिखा है कि किस जानवर की कुर्बानी देनी है। हम उसी का पालन करते हैं। हम घोड़े, हाथी या शेर की कुर्बानी थोड़े करते हैं। आईएएस को बड़ा ओहदा चाहिए। इसलिए वह बीजेपी की भाषा बोल रहे हैं। हमारी मांग है कि आईएएस के खिलाफ मुकदमा दर्ज हो और उन्हें जेल भेजा जाए।
नियाज खान मूल रूप से छत्तीसगढ़ से हैं और 2015 बैच के आईएएस अधिकारी हैं। इससे पहले वे राज्य प्रशासनिक सेवा में कार्यरत थे। उन्होंने अब तक सात उपन्यास लिखे हैं, जिनमें से एक पर चर्चित वेब सीरीज ’आश्रम’ आधारित है। नियाज खान अपने बेबाक विचारों के लिए जाने जाते हैं। उन्होंने एक पुस्तक ‘ब्राह्मण द ग्रेट’ भी लिखी है, जिसमें ब्राह्मण समाज और सनातन संस्कृति की प्रशंसा की गई थी। उस वक्त भी उनकी लेखनी पर राजनीतिक और सामाजिक हलकों में तीखी प्रतिक्रिया हुई थी। अब एक बार फिर, बकरीद से पहले पशुबलि पर टिप्पणी कर नियाज खान ने एक नई चर्चा शुरू कर दी है।