Budget 2025:Tax Slabs में बड़ा बदलाव, आम आदमी को मिली राहत भारत में इनकम टैक्स का सिस्टम समय के साथ बदलता रहा है। हर सरकार ने अपनी जरूरतों और जनता की सुविधा को ध्यान में रखते हुए टैक्स की दरें तय की हैं। इससे देश की अर्थव्यवस्था पर भी असर पड़ता है और आम लोगों की जेब पर भी। इस बार सरकार ने 12 लाख रुपये तक की आय को टैक्स फ्री कर दिया है, जिससे मिडिल क्लास को बड़ी राहत मिलेगी।
पहले कितनी बार बदली टैक्स दरें
1997-98 पहली बार बड़ा बदलाव हुआ, 1997 में पी. चिदंबरम ने इनकम टैक्स की दरों में बड़ा बदलाव किया। उस समय 5 लाख रुपये से ज्यादा कमाने वालों को 40% टैक्स देना पड़ता था। यह दर उस समय काफी ज्यादा थी, जिससे लोगों पर भारी बोझ पड़ा। 2009-10 अधिभार हटा लेकिन फिर जोड़ा, 2009 में सरकार ने इनकम टैक्स पर लगने वाला अधिभार हटा दिया। लेकिन 2010 में फिर से 10 लाख रुपये से ज्यादा की आय पर 10% अधिभार लगा दिया गया।2014-15 मोदी सरकार का नया टैक्स सिस्टम, 2014 में मोदी सरकार ने टैक्स स्लैब में बदलाव किया। 2.5 लाख रुपये तक की इनकम टैक्स फ्री कर दी गई। 2.5 से 5 लाख तक 10%, 5 से 10 लाख तक 20% और 10 लाख से ऊपर 30% टैक्स लागू हुआ। 2018-19 हेल्थ और एजुकेशन टैक्स जुड़ा, 2018 में सरकार ने शिक्षा और स्वास्थ्य के लिए 4% का नया उपकर जोड़ा। इससे ऊंची आय वालों पर ज्यादा टैक्स का बोझ बढ़ गया।
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2020-21 कोविड-19 का अस
कोरोना महामारी के समय सरकार ने कुछ टैक्स में राहत दी। हालांकि, बड़े इनकम ग्रुप के लिए टैक्स की दरें ज्यादा ही रहीं।2021-22 टैक्स दरें स्थिर रखी गईं,इस साल सरकार ने टैक्स दरों में ज्यादा बदलाव नहीं किया, लेकिन कुछ उच्च आय वालों के लिए नई शर्तें जोड़ी गईं।
नई टैक्स व्यवस्था के तहत
3 लाख रुपये तक कोई टैक्स नहीं
3 से 7 लाख तक 5% टैक्स
7 से 10 लाख तक 10% टैक्स
10 से 12 लाख तक 15% टैक्स
12 लाख रुपये से ज्यादा की इनकम टैक्स फ्री
यह फैसला मिडिल क्लास के लिए बड़ी राहत है। अब ज्यादा लोगों की जेब में पैसा बचेगा, जिससे उनकी बचत और खर्च दोनों बढ़ेंगे सरकार ने 12 लाख रुपये तक की इनकम को टैक्स फ्री करके मिडिल क्लास को बड़ी राहत दी है। पहले कई बार इनकम टैक्स दरें बदली गईं, लेकिन यह बदलाव सबसे अहम है। इससे आम आदमी के पास ज्यादा पैसा बचेगा, जिससे अर्थव्यवस्था को भी मजबूती मिलेगी।